उप्र पंचायत चुनाव में ड्यूटी के दौरान 1,621 शिक्षा कर्मचारियों की मौत हुई, संघ ने सीएम को लिस्ट भेजकर एक करोड़ की आर्थिक सहायता मांगी

1,621 teachers in UP died of coronavirus during panchayat polls, claims union
उप्र पंचायत चुनाव में ड्यूटी के दौरान 1,621 शिक्षा कर्मचारियों की मौत हुई, संघ ने सीएम को लिस्ट भेजकर एक करोड़ की आर्थिक सहायता मांगी
उप्र पंचायत चुनाव में ड्यूटी के दौरान 1,621 शिक्षा कर्मचारियों की मौत हुई, संघ ने सीएम को लिस्ट भेजकर एक करोड़ की आर्थिक सहायता मांगी

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव में ड्यूटी के दौरान कोरोना से अब तक 1,621 शिक्षा कर्मचारियों की मौत हुई है। उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ ने इसकी लिस्ट जारी की। शिक्षक संघ ने मुख्यमंत्री को यह लिस्ट भेजी है और इन सभी शिक्षकों, शिक्षा मित्रों, अनुदेशकों व कर्मचारियों को एक करोड़ की आर्थिक सहायता, उनके परिजनों को नौकरी दिए जाने सहित आठ मांगें की हैं।

शिक्षक संघ ने अपनी लिस्ट में जान गंवाने वाले शिक्षकों के नाम, उनके विद्यालय के नाम, पदनाम, ब्लॉक व जनपद का नाम, मृत्यु की तिथि और दिवंगत शिक्षक के परिजन का मोबाइल नंबर भी दिया गया है। इस लिस्ट के अनुसार सबसे अधिक आजमगढ़ जिले में 68 शिक्षकों-कर्मचारियों की मृत्यु हुई है। गोरखपुर में 50, लखीमपुर में 47, रायबरेली में 53, जौनपुर में 43, इलाहाबाद में 46, लखनऊ में 35, सीतापुर में 39, उन्नाव में 34, गाजीपुर में 36, बाराबंकी में 34 शिक्षकों-कर्मचारियों की मौत हुई है।

उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डा. दिनेश चन्द्र शर्मा ने कहा, हाईकोर्ट ने भी माना है कि इन शिक्षकों और कर्मचारियों के परिवारों को एक-एक करोड़ रुपये का आर्थिक मुआवजा दिया जाए। इनके परिवार में जो आश्रित डीएलएड या बीएड की योग्यता रखता है, उसे टीईटी से छूट देते हुए शिक्षक के पद पर तुरंत नियुक्ति दी जाए। वहीं बाकियों को क्लर्क के पद पर नियुक्ति दी जाए।

दिनेश चंद्र ने दावा किया कि दिल से संबंधित बीमारियों से पीड़ित कई शिक्षकों और कर्मचारियों की मृत्यु "तनाव" और दिल के दौरे के कारण हुई। शर्मा ने यह भी कहा कि जिला प्रशासन ने पंचायत चुनावों के दौरान मतगणना केंद्रों पर कोरोनावायरस सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया। उन्होंने कहा, "चिंता की बात यह है कि इतनी जान गंवाने के बाद भी जिलों में प्रशासनिक अधिकारी प्राथमिक शिक्षकों को परेशान कर रहे हैं।

संघ प्रमुख ने कहा कि बेसिक एजुकेशन डिपार्टमेंट के शिक्षकों और कर्मचारियों को घर से काम करने की अनुमति है, लेकिन रायबरेली, उन्नाव, बांदा, लखनऊ, बस्ती और हरदोई जैसे कई जिलों में, उन्हें कोविड-19 नियंत्रण कक्ष में ड्यूटी सौंपी गई है। 

बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार ने शिक्षकों और शिक्षा मित्रों सहित प्रत्येक मतदान अधिकारी के परिवारों को 30 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की थी। हालांकि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 11 मई को सरकार से कहा था कि वह इस राशि को बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये करने पर विचार करे।

Created On :   17 May 2021 3:36 PM GMT

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