महाराष्ट्र के 17 शहरों की हवा हो रही है जहरीली, नागपुर का भी बुरा हाल

17 cities of Maharashtra getting poisonous, Situation of Nagpur bad
महाराष्ट्र के 17 शहरों की हवा हो रही है जहरीली, नागपुर का भी बुरा हाल
महाराष्ट्र के 17 शहरों की हवा हो रही है जहरीली, नागपुर का भी बुरा हाल

डिजिटल डेस्क, नागपुर। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट में देश के सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों को प्रदूषण से निपटने में कोई भी दिलचस्पी नजर नहीं आती। रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2015-16 के आंकड़ों के आधार पर वायुमंडल में तय मानक से अधिक पीएम-10 के स्तर वाले प्रदेश के 25 शहरों को चुना गया था, इनमें 17 शहर ऐसे थे, जहां इसके संबंध में अभी तक कोई भी कदम नहीं उठाए गए। इन शहरों में राष्ट्रीय मानक 60 माइक्रो ग्राम से अधिक पीएम-10 वायुमंडल में घूम रहा है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से सूचना का अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी के अनुसार 20 अगस्त 2018 तक महाराष्ट्र के 17 शहरों में से 7 शहरों ने वायु प्रदूषण से निपटने के लिए कोई एक्शन प्लान जमा नहीं कराया है। शेष 10 ने कराया है, लेकिन खामियों के कारण उन्हें वापस भेज सुधारित प्लान जमा कराने को कहा गया है। वर्ष 2017 के रिकार्ड के अनुसार जिन शहरों ने एक्शन प्लान भेजा था, वे केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मानकों पर खरा नहीं उतरे। जुलाई 2016 में ही प्लान महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को वापस भेज दिया गया तथा तय समय सीमा के अंदर पुन: जमा कराने को कहा गया, जो आज तक जमा नहीं कराया गया।

ग्रीनपीस के वरिष्ठ कंपेनर सुनील दाहिया के अनुसार, महाराष्ट्र में सबसे अधिक प्रदूषित शहर कई हैं, जो वायु प्रदूषण से निपटने के लिए किसी भी तरह से सक्षम नहीं होने के बावजूद भी एक भी एक्शन प्लान जमा न कर वायु प्रदूषण से लड़ने के सरकार के इरादे को पलीता लगा रहे हैं। इस लापरवाह रवैये के चलते खतरनाक वायु प्रदूषण के कारण प्रदेश स्वास्थ्य आपात स्थिति  में पहुंच सकता है। शहर स्तर पर एक्शन प्लान वायु प्रदूषण से लड़ने में अहम भूमिका निभा सकता है। इन्हें तय सीमा के अंदर लागू किया जाए, तो ही ये सार्थक होगा, क्योंकि मानसून खत्म होते ही और ठंड बढ़ते ही वायु प्रदूषण डसना शुरू कर देगा।

कमियों के चलते वापस कर दिया गया प्लान
अमरावती, औरंगाबाद, जालना, कोल्हापुर, लातूर, मुंबई व पुणे ने वायु प्रदूषण से निपटने के लिए एक्शन प्लान भेजा, लेकिन उसमें कमियों के चलते वापस कर दिया गया है। प्लान न भेजने वाले शहरों में प्रदेश की उपराजधानी नागपुर, चंद्रपुर, अकोला, जलगांव, नाशिक, नई मुंबई, सांगली, सोलापुर व उल्लास नगर का समावेश है। अब तक प्लान न भेजने वाले शहरों में 7 में से 4 वो शहर हैं, जो बिजलीघरों से निकलने वाली गैस और राख के कणों से परेशान हैं। नागपुर व चंद्रपुर कोयला क्षेत्र भी है। इनके चलते इन शहरों में फेफड़े से संबंधित, कैंसर व श्वास रोग बढ़ रहा है। साथ ही फसलों पर भी बुरा असर हो रहा है। 
 

Created On :   26 Aug 2018 5:28 PM IST

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