नागपुर शहर की 173 इमारतें जीर्ण, मनपा ने किया चिह्नित

173 buildings of Nagpur city dilapidated, Manpa marked
नागपुर शहर की 173 इमारतें जीर्ण, मनपा ने किया चिह्नित
नागपुर शहर की 173 इमारतें जीर्ण, मनपा ने किया चिह्नित

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बारिश के मौसम में  जर्जर इमारतों में रहने पर जान-माल के खतरे की आशंका बनी रहती है। संभावित खतरे से बचने के लिए लोगों को ऐसी इमारतों में रहने से मनपा मना करती है। शहर में रहने के लिए अयोग्य 173 इमारतों को मनपा प्रशासन ने चिह्नित किया है। मनपा आयुक्त तुकाराम मुंढे ने इन इमारतों में रहने पर रोक लगा दी है। जीर्ण इमारतों का इस्तेमाल करने पर दुर्भाग्यवश कोई दुर्घटना होने पर संबंधित मकान मालिक जिम्मेदार रहने की चेतावनी दी गई है।

वेबसाइट पर सूची उपलब्ध
राज्य सरकार के नगर विकास विभाग ने परिपत्रक जारी कर पुराने व जर्जर मकानों पर बारिश से पहले कार्रवाई करने की सूचना जारी की है। शासनादेश के अनुसार मनपा क्षेत्र में विविध प्रवर्ग की इमारतों का जोन निहाय सर्वेक्षण कर 173 इमारतों को चिह्नित किया गया है। इसमें से 97 इमारतें रहने के लिए अयोग्य तथा तत्काल खाली करने के लिए पात्र ठहराई गई हैं। 25 इमारतें खाली कर संरचनात्मक मरम्मत और 35 इमारतें बिना खाली किए संरचनात्मक दुरुस्ती के लिए चिह्नित की गई हैं। 16 इमारतों में सामान्य मरम्मत की आवश्यकता मानी गई है। चिह्नित की गई जर्जर इमारतों की सूची मनपा की अधिकृत वेबसाइट पर उपलब्ध कराई गई है।
30 वर्ष पुरानी इमारत का स्ट्रक्चरल ऑडिट अनिवार्य : नागपुर महानगरपालिका अधिनियम की धारा 265-अ के अनुसार 30 वर्ष पुरानी इमारतों का संरचना परीक्षण यानी स्ट्रक्चरल ऑडिट मनपा में पंजीकृत लोकनिर्माण अभियंता अथवा संरचना परीक्षक अभियंता से करवाना अनिवार्य है। इमारत का इस्तेमाल, उपयोगिता प्रमाणपत्र जारी होने पर 30 वर्ष कालावधि आंका जाएगा।  

मनपा को सूचना दें
जीर्ण इमारत या इमारत का कोई हिस्सा, छप्पर, जीना दिखाई देने पर मनपा के जोन कार्यालय को सूचना देने का
मनपा आयुक्त ने नागरिकों से आह्वान किया है।  

15 दिन की मोहलत
सर्वेक्षण में चिह्नित की गई जर्जर, खतरे को न्योता दे रही अथवा रहने के लिए अयोग्य इमारतों को तत्काल निष्कासित करने का नोटिस दिया जाएगा। मकान मालिक को इमारत खाली करने के लिए 15 दिन की मोहलत दी जाएगी। नोटिस मिलने के बाद भी इमारत खाली नहीं करने पर पुलिस की मदद से खाली कराया जाएगा। 

स्ट्रक्चरल ऑडिट कराने में लापरवाही करने वाली संस्था या व्यक्ति पर 25 हजार रुपए जुर्माना या संबंधित इमारत का वार्षिक संपत्तिकर की रकम, इसमें से जो रकम अधिक होगी, उतना जुर्माना वसूल किया जाएगा।
 

Created On :   5 Jun 2020 9:00 AM GMT

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