बैंकों के विलीनीकरण के बाद आई 1800 शिकायतें 

1800 complaints came after the merger of banks
 बैंकों के विलीनीकरण के बाद आई 1800 शिकायतें 
20 माह बाद भी समस्याएं बरकरार  बैंकों के विलीनीकरण के बाद आई 1800 शिकायतें 

डिजिटल डेस्क, नागपुर । एक अप्रैल 2020 को हुए 10 सरकारी बैंकों के विलय को 20 महीने से अधिक का समय हो गया है। लेकिन इन बैंकों में व्यवस्था अब तक पूरी तरह से पटरी पर नहीं लौट सकी है। जिले की लीड बैंक से मिली जानकारी के अनुसार विलीनीकरण के बाद आ रही समस्या को लेकर अब तक 1800 शिकायतें बैंकों के पास आ चुकी है, जबकि इस कालावधि में अन्य समस्याओं को मिलाकर कुल 9000 से भी अधिक शिकायतें आई। संपूर्ण विदर्भ में बैंकों की 350 से अधिक शाखाएं है, जबकि नागपुर शहर में इनकी संख्या 200 के करीब है। विलीनीकरण के बाद बैंकों की कुछ शाखाएं बंद हो गई और कुछ के नाम बदल गए। 

खाताधारकों के बैंकों के नाम, आईएफएससी कोड, एमआईसीआर कोड व ग्राहक आईडी बदल गए हैं। लेकिन कोर बैंकिंग सोल्यूशन के विलीनीकरण के बाद से बैंकिंग सिस्टम तकनीकी समस्याओं से जूझ रहा है। लिहाजा इन बैंकों के लाखों ग्राहकों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इनमें पासबुक अपडेट, एफडी क्लोजर, मोबाइल, इंटरनेट बैंकिंग व एटीएम से जुड़ी समस्याएं हैं। इसके अलावा ग्राहकों के मुताबिक बैंकों द्वारा सही तरह से जागरुक नहीं किए जाने की वजह से भी उन्हें अधिक दिक्कतें हो रही हैं। 

इन बैंकों का हुआ है विलीनीकरण
इस मेगा विलीनीकरण के तहत ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया का पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में, सिंडिकेट बैंक का केनरा बैंक में, आंध्रा बैंक व कॉरपोरेशन बैंक का यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में और इलाहाबाद बैंक का इंडियन बैंक में विलय किया गया है।

विलीनीकरण के बाद आ रहीं ये दिक्कतें
1. विलीनीकरण के बाद बैंकों में अधिकतर तकनीकी दिक्कतें आ रही हैं।
2. कई बैंकों में सॉफ्टवेयर अपग्रेड होने के बाद कस्टमर की पूरी डिटेल्स नहीं आ रही है। इस कारण पासबुक प्रिंटिंग, बैलेंस का सही ढंग से ना छपना आदि समस्याएं हो रही हैं।
3. एनईएफटी/आरटीजीएस या फिर डिमांड ड्राफ्ट जो इश्यू हुए हैं, इनमें दिक्कतें आ रही है। कई लोगों की शिकायतें आ रही हैं कि लोन का पैसा नहीं कट रहा है।
3. बैंकों के मोबाइल एप्लीकेशन एक्सेस, ऑनलाइन बैंकिंग थ्रू वेब पोर्टल में भी समस्याएं आ रही हैं।
4. कई बैंकों में लोन अप्रूवल में सॉफ्टवेयर डिलेयिंग प्रोसेसिंग की समस्या आ रही है।
5. बैंकों के चार्जेस भी अलग-अलग है।
 

Created On :   25 Dec 2021 7:10 PM IST

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