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शादी समारोह से लौट रहे 2 बाइक सवारों को बस ने कुचला, मौत

डिजिटल डेस्क, छतरपुर/चंदला। चुरयारी गांव में एक शादी समारोह में शामिल होने के लिए दो अधेड़ व्यक्ति गए थे। जब शादी समारोह में शामिल होने के बाद सोमवार की शाम चार बजे बाइक पर सवार होकर दोनों अधेड़ वापस घर छतरपुर लौट रहे थे। जब उनकी बाइक मडिया भौटा गांव के पास पहुंची तो सामने से आ रही राकेश ट्रांसपोर्ट की बस क्रमांक एमपी 19 पी 0275 ने सोमवार की शाम 4 बजे जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भयानक थी कि बाइक पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई और दोनों व्यक्तियों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई है। मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों शव को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र लवकुशनगर पीएम कराने के लिए भेजा है।
कैसे हुआ हादसा
जानकारी के अनुसार लवकुशनगर विधायक कॉलोनी निवासी साखीगोपाल गुप्ता 50 वर्ष एवं उनके रिश्तेदार कोमल चंद गुप्ता 65 हाल निवास छतरपुर एक शादी समारोह में शामिल होने चुरयारी गांव गए हुए थे। चुरयारी निवासी रामेश्वर गुप्ता 29 अप्रैल को अपनी दो बेटियों की शादी एक साथ कर रहे थे, जिसमें एक बारात मनुरिया गांव से दूसरी बारात चंदला से गई हुई थी। शादी समारोह से शामिल होकर लवकुशनगर आ रहे लाइनमैन साखिगोपाल अपने हीरो स्प्लेंडर से घर आ रहे थे, तभी छतरपुर से सरवई जा रही राकेश ट्रांसपोर्ट की बस क्रमांक एमपी 19 पी 0275 एक्सीडेंट इतना खतरनाक हुआ कि बाइक सवार दोनों लोगों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। साथ ही दो पहिया वाहन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। चंदला थाना प्रभारी जसवंत सिंह राजपूत ने बताया कि उक्त बस छतरपुर से सरवई की ओर जा रही थी बाइक और बस की आमने सामने भिड़ंत हो गई है। बस को जब्त कर थाने में रखा गया है। घटना के बाद से बस चालक फरार है शवों के पहचान होने के बाद पीएम कराकर परिजनों को शव सौंप दिये गए हैं।
आरटीओ की नाकामी यात्रियों पर भारी
जिले में बेतरतीब तरीके से दौड़ रही बसों पर आरटीओ मेहरबान बना हुआ है, जो बसें कंडम हो चुकी है वह सड़कों पर दौड़ रही हैं। इसके बावजूद भी आरटीओ विभाग के द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। पुलिस प्रशासन भी इन पर कार्रवाई करने से कतरा रही है। आरटीओ और बस संचालकों की मिलीभगत के चलते इन बसों को सड़कों पर दौड़ाया जा रहा है। अगर विभाग के द्वारा इन बसों पर समय समय पर कार्रवाई की जाए तो लगभग 50 प्रतिशत सड़क हादसों में कमी आ सकती है, लेकिन विभाग के द्वारा बसों को बगैर देखे और समझे परमिट उपलब्ध करा दिया जाता है। इसके साथ ही चालकों के द्वारा बसों को ओवरलोडिंग करने के बाद अंधी रफ्तार में दौड़ाया जाता है। इसी वजह से बाइक सवार बसों की चपेट में आते है और मौत हो जाती है। अगर प्रशासन के द्वारा बस चालकों पर रफ्तार की गति तय कर दी जाए तो भी कमी देखने को मिल सकती है। साथ ही बसों को ज्यादातर ऐसे लोगों के द्वारा चलाया जा रहा है। जिनके आंखों में आंसू बह रहे होते है। उनकी सख्ती भी नहीं रहती है बसों को चलाने की, लेकिन शासन की मिली भगत से आए दिन बसों की चपेट में आने से लोगों की जाने जा रही है।
Created On :   1 May 2018 2:07 PM IST