डेनमार्क से मंगाए गए 2 बुल्स, लाखों गायों का हो सकता है कृत्रिम गर्भाधान

डेनमार्क से मंगाए गए 2 बुल्स, लाखों गायों का हो सकता है कृत्रिम गर्भाधान
डेनमार्क से मंगाए गए 2 बुल्स, लाखों गायों का हो सकता है कृत्रिम गर्भाधान
डेनमार्क से मंगाए गए 2 बुल्स, लाखों गायों का हो सकता है कृत्रिम गर्भाधान

डिजिटल डेस्क, नागपुर। दुग्ध उत्पादन में बढ़ोत्तरी के लिए किए जा रहे प्रयासों में डेनमार्क से मंगाए गए बुल्स और कुछ भारतीय प्रजातियों को से जांच परख कर चुने गए बैलों का सीमन गायों के कृत्रिम गर्भाधान के लिए तैयार किया जा रहा है। ताकि राज्य में ज्यादा दूध देने वाली गायों की आबादी बढ़े। ये कार्य हो रहा है नागपुर स्थित फ्रोजन सीमेन लेब्रोटरी में। ये प्रक्रिया बेहद कठिन है। इसमें डेनमार्क से आए बुल्स और हरियाणवी बुल्स भी शामिल हैं जिनका सीमेन करीब 1 वर्ष में अप टू 1 लाख गायों का कृत्रिम गर्भाधान करने में मदद कर सकता है। इन्हें डाइट भी स्पेशल दी जाती है, वहीं इस प्रयोग से दुधारू गायों की नस्लें बढ़ सकती है, दुग्ध उत्पादन भी बढ़ सकता है। इससे गायों में बीमारी होने की भी कम संभावना होती है। पशु की गुणवत्ता उसकी नस्ल पर निर्भर करती है। पशु का उत्पादन बढ़ाने के लिए अच्छी नस्ल बहुत जरुरी है। एक बार इकट्ठा किया गया वीर्य लंबे समय तक 1 लाख गायों को गाभिन करने के काम आता है। ज्ञात रहे कि ये केंद्र विदर्भ में एक ही है, वहीं महाराष्ट्र में ऐसे तीन केंद्र हैं।

लिक्विड नाइट्रोजन का ताप -196 डिग्री होता है
लिक्विड नाइट्रोजन कम तापमान पर शरीर की कोशिकाएं लंबे समय तक जीवित रह सकती हैं। इसी तरह शुक्राणओं को लंबे समय तक जीवित और सुरक्षित रखने के लिए लिक्विड नाइट्रोजन का प्रयोग किया जाता है। लिक्विड नाइट्रोजन का ताप -196 डिग्री से. होता है। लिक्विड नाइट्रोजन को क्रायोजनिक जार में भरा जाता है, जिसमें सीमेन स्टोरेज किया जाता है। क्रायो यानी बहुत ठंडा, जब भी कोई गैस, गैस से लिक्विड में बदलती है तो उसे क्रायोजनिक लिक्विड कहते हैं। इसके संपर्क में आते समय सावधानी रखना जरुरी है। जब बहुत ही कम ताप वाले पदार्थ हमारी त्वचा के संपर्क में आते हैं, तो त्वचा जल जाती है। इसी कारण शरीर में मस्से या छोटे ट्यूमर हटाने के लिए लिक्विड नाइट्रोजन की मदद से क्रायो सर्जरी की जाती है। इसके संपर्क में काम करते समय त्वचा आंखों को सुरक्षित रखना चाहिए। सीमन स्ट्रा सीमन को फ्रिज करने और भरने के लिए प्रयोग किया जाता है। एआई गन एआई गन के लिए गन एक महत्वपूर्ण उपकरण होता है, जो सीमन को स्ट्रा से यूटेरस तक पहुंचाता है। एआई के दौरान फ्रोजन सीमन को तरल बनाने तथा स्पर्म को पुनः एक्टिव करने के लिए तापमान -196 डिग्री सेल्सियस से +37 डिग्री सेल्सियस करना पड़ता है। यह काम फुर्ती से होना बहुत जरुरी है। इसके लिए ताप में समानता होनी चाहिए ताकि पूरी लंबाई में भरे हुए सीमन की थॅाइंग एकसार हो सके तथा पूरा सीमन तरल हो जाए। ऐसा नहीं होने पर स्पर्म गर्मी के उतार-चढ़ाव के प्रभाव को सहन नहीं कर पाते हैं और मर जाते हैं।

आर्टिफिशियल इनसेमिनेशन करें , मिल्कमैन इससे गुणवत्ता बढ़ेगी
किसान आत्महत्या की दर बढ़ती जा रही है लेकिन यदि किसान खेती के अलावा दुग्ग्ध का व्यवसाय करें तो उनके लिए लाभकारी हो सकता है। वहीं देसी गायों से बहुत कम दूध प्राप्त होता है इसके लिए आर्टिफिशियल इनसेमिनेशन गायों का किया जाए तो इससे काफी फायदा हो सकता है। ज्ञात रहे कि नागपुर स्थित फ्रोजन सीमेन लेब्रोरेटरी में देशी व विदेशी ब्रीड के 46 बुल्स को रखा गया है। इसमें दो बुल डेनमार्क के भी हैं। वहीं हरियाणवी ब्रीड के 5, साहीवाल के 4, गौड़ के 4 और गिर के 3 बुल्स को फ्रोजन सीमेन लेब्रोरेटरी में हैं। जिनके सीमेन को प्रिजर्व किया जा रहा है, ये सीमेन करीब 10 लाख गायों को प्रेग्नेंट कर सकता है।
डॉ. अस्मिता तडस्कर, महाराष्ट्र

Created On :   27 Oct 2018 4:09 PM IST

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