जीएसटी भवन की वायरिंग बदलने में लग गए 2 करोड़ 77 लाख रुपए

2 crore 77 lakhs spent on changing the wiring of GST building
जीएसटी भवन की वायरिंग बदलने में लग गए 2 करोड़ 77 लाख रुपए
जीएसटी भवन की वायरिंग बदलने में लग गए 2 करोड़ 77 लाख रुपए

डिजिटल डेस्क, नागपुर। सरकार भले ही आर्थिक तंगी का रोना रोती हो, लेकिन सेंट्रल जीएसटी ने अपने भवन के मरम्मत-दुरुस्ती व रंगरोगन पर करोड़ों रुपए फूंक दिए। खर्च देखकर ऐसा कहा जा सकता है कि सीजीएसटी में पैसे की कोई कमी नहीं है। आरटीआई में खुलासा हुआ कि सीजीएसटी भवन की इलेक्ट्रिक वायरिंग पर ही 2 करोड़ 77 लाख 62507 रुपए खर्च हुआ है। कोरोनाकाल में सिविल लाइंस स्थित सेंट्रल जीएसटी भवन को चमकाने का काम हुआ। जीएसटी भवन की दुरुस्ती, मरम्मत व डेंटिंग-पेंटिंग पर कराेड़ों रुपए खर्च किया जा रहा है। आरटीआई में खर्च का जो कच्चा-चिट्ठा उजागर हुआ, वह हैरान करने वाला है। 

कहां किया कितना खर्च
सीजीएसटी भवन की पूरी इलेक्ट्रिक वायरिंग बदली गई। नई वायरिंग पर 2 करोड़ 77 लाख 62508 रुपए खर्च हुए। बिजली गुल होने पर कार्यालय रोशन रहे, इसलिए डीजल सेट खरीदा गया। डीजल सेट पर 35 लाख 71 हजार 365 रुपए खर्च हुआ। सीजीएसटी के कर्मचारी व अधिकारी सेमिनरी हिल्स स्थित क्वार्टरों में रहते हैं। इन क्वार्टरों के रिनोवेशन व अपग्रेडेशन पर 46 लाख 36 हजार 674 रुपए खर्च किए गए। सीजीएसटी भवन में 94 लाख 84 हजार 4 सौ रुपए फ्लोर टाइल्स लगाने पर खर्च किए गए। तीन मंजिल इस भवन में लोगों को ऊपर-नीचे जाने के लिए जो लिफ्ट लगाई गई, उस पर 47 लाख 65 हजार 157 रुपए खर्च हुए। लिफ्ट की क्षमता 13 लोगों को ले जाने की है। सीजीएसटी भवन में खिडकियां व उसकी चौकट में जो टाइल्स लगाई गई, उसका खर्च भी बेहताशा है। इस पर 80 लाख 67 हजार 800 रुपए खर्च हुए है। 69 लाख 96 हजार 580 रुपए खर्च कर स्लाइडिंग डोर व खिडकियां लगाई गई है। टेरेस (छत) की वाटर प्रूफिंग पर 37 लाख 89 हजार रुपए खर्च किए गए हैं।

5 चेंबरों की पेंटिंग पर 1 लाख 90 हजार खर्च 
सीजीएसटी भवन में चेंबर नं. 201, 303, 305, 309 (ईटी-2) व 314 में पेंटिंग की गई। इस पर 1 लाख 90 हजार 360 रुपए खर्च हुआ। पेंटिंग की जो दर तय हुई वह 16 रुपए वर्गफीट है, जबकि कमरा नं. 305 की पेंटिंग 26 रुपए वर्गफीट के रेट से हुई है। 

कर्मचारियों को बैठने की पर्याप्त जगह नहीं 
^जीएसटी भवन के मरम्मत, दुरुस्ती, रंगरोगन व अन्य निर्माणकार्यों पर जो खर्च हुआ है वह बेहताशा है। पंेटिंग के लिए अलग-अलग दर तय करना भी सवाल खड़े करता है। छोटे अधिकारियों व कर्मचारियों को बैठने के लिए पर्याप्त जगह उपलब्ध नहीं है, इसकी भी व्यवस्था होनी चाहिए। वरिष्ठ अधिकारी चाहते ताे खर्च में कटौती हो सकती थी।  - संजय थुल, अध्यक्ष, सीजीएसटी (एससी, एसटी) एम्प्लाइज वेलफेयर एसोसिएशन

Created On :   21 Dec 2020 3:50 PM IST

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