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नागपुर के मेडिकल में आएंगी 2 नई आरटीपीसीआर मशीनें

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर में इन दिनों कोरोना के मरीज कम हो चुके हैं। इसके साथ ही प्रशासन तीसरी लहर से निपटने की तैयारियां कर रहा है। दूसरी लहर में कोरोना के मरीजों की संख्या इतनी अधिक हो गई थी, जांच के लिए सैंपल पेंडिंग पड़ने लगे थे। इसको देखते हुए मेडिकल अस्पताल में अतिरिक्त व्यवस्था की जा रही है। नई मशीन से जांच क्षमता दो गुनी हो जाएगी।
आरक्षित किए आईसीयू
मेडिकल में तीसरी लहर को लेकर आईसीयू रिजर्व करना शुरू कर दिया गया हैं। बच्चों के लिए 50 बेड के दो आईसीयू और 30 बेड का एक एचडीयू और गायनिक के लिए भी एक आईसीयू को आरक्षित किया गया है।
2 सोनोग्राफी सेंटर को नोटिस
6 से 7 हजार होगी जांच : शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल में फिलहाल 5 आरटीपीसीआर मशीनें हैं, जिससे रोजाना 2500 से 3000 जांचें हो रही हैं। जांच बढ़ाने के लिए पालकमंत्री नितीन राऊत और जिलाधिकारी ने पहल की है। इसके लिए मेडिकल को 2 करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैं। इससे अतिरिक्त दो मशीनें आएंगी, जिससे 24 घंटे में 6 से 7 हजार नमूनों की जांच की जा सकेगी। इससे उपचार में राहत मिलेगी।
मेडिकल कॉलेज पर लगाया जीएसटी, हाईकोर्ट पहुंचा मामला
मेडिकल शिक्षण संस्थान पर जीएसटी लगाने के कारण संस्थान ने बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ का दरवाजा खटखटाया है। याचिकाकर्ता सेवाग्राम स्थित चिकित्सा महाविद्यालय का पक्ष सुनकर न्या. सुनील शुक्रे और न्या. अनिल किल्लोर ने जीएसटी विभाग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। तब तक याचिकाकर्ता के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं करने के आदेश दिए गए हैं।
दी गई चुनौती : सेवाग्राम में कस्तुरबा हेल्थ सोसायटी द्वारा महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस नामक चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल संचालित किया जाता है। वर्ष 2020 में जीएसटी विभाग ने संस्था को नोटिस जारी कर तर्क दिया कि वे शिक्षा संस्था नहीं, बल्कि मुनाफा कमाने वाली संस्था है, जिस कारण उसे जीएसटी भरनी होगी। संस्था ने प्रथम अपीलीय अधिकारी के पास इसे चुनौती दी, लेकिन कोई राहत नहीं मिली। उसके बाद याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट की शरण ली है। याचिकाकर्ता की ओर से एड.आनंद परचुरे ने पक्ष रखा।
Created On :   5 Aug 2021 5:37 PM IST