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कर निर्धारण के लिए 20 करोड़ खर्च, अब अफसरों पर काम करने की नौबत

डिजिटल डेस्क, नागपुर। संतरानगरी में 6 लाख से अधिक यूनिट(घर) हैं, जिनका सटीक कर निर्धारण करने के लिए मनपा के खजाने से अब तक 20 करोड़ से अधिक की रकम खर्च हो चुकी है। बावजूद अपेक्षित परिणाम हासिल नहीं हो सके हैं। सूत्रों के मुताबिक तकरीबन 3 लाख घरों का सर्वेक्षण व कर निर्धारण शेष है। वर्ष 2015 में मनपा द्वारा घरों का सर्वेक्षण कर कर निर्धारण करने व ब्योरा संकलित करने की जिम्मेदारी साइबरटेक व अनंत टेक्नोलॉजी नामक दो निजी कंपनियों को दी गई थी। इसके लिए दोनों कंपनियों को 15.50 करोड़ का भुगतान भी कर दिया गया। उक्त कंपनियां दावा कर रही है कि ठेके के मुताबिक काम पूरा कर दिया गया है।
भुगतान हो चुका है
दूसरी ओर मनपा के 10 जोन में सभी कर निरीक्षकों व कर संग्राहकों को Geocivic app डाउनलोड करने व तकरीबन 3 लाख घरों का सर्वेक्षण कर कर निर्धारण व ब्योरा इस एप में अपलोड करने के निर्देश दिए गए हैं। अब तक लक्ष्मीनगर व धरमपेठ जोन के कर संग्राहकों व कर निरीक्षकों को इस एप में काम करने का प्रशिक्षण दिया जा चुका है। शेष सभी जोन में प्रशिक्षण देने की तैयारी शुरू है। अर्थात तकरीबन 3 लाख यूनिट का सर्वेक्षण कर कर निर्धारण करने व ब्योरा अपलोड करने का काम यह कर निरीक्षक व कर संग्राहक करेंगे, जबकि इस काम के लिए प्रति यूनिट 120 रुपए की दर से 3 करोड़ 60 लाख रुपए का भुगतान पहले ही ठेका कंपनियों को कर दिया गया है।
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कार्यादेश नहीं
चौंकाने वाली बात यह है कि मनपा के कर निरीक्षकों व कर संग्राहकों को 3 लाख घरों का सर्वेक्षण करने, ब्योरा संकलित करने व कर निर्धारण करने का मनपा मुख्यालय से आदेश ही निर्गमित नहीं किया गया है। अधिकारी मौखिक रूप से निर्देश देकर इन कर्मचारियों से काम करवा रहे हैं। इससे स्पष्ट है कि Geocivic app में अपलोड होनेवाला ब्योरा ठेका कंपनियों द्वारा अपलोड किया गया दर्शाया जाएगा।
दोहरा भुगतान
नागपुर महानगर पालिका के 10 जोन में कुल 247 कर संग्राहक व कर निरीक्षक हैं। इन्हें प्रतिमाह 42 हजार रुपए प्रति कर्मचारी की दर से सालाना 14 करोड़ 48 लाख 88 हजार रुपए वेतन दिया जाएगा। अर्थात एक ही काम के लिए ठेका कंपनी को भी भुगतान किया जा रहा है और मनपा के 247 कर्मचारियों को भी। इस प्रकार मनपा के खजाने से करोड़ों रुपए खर्च हो रहे हैं।
अनेक खामियां
साइबरटेक व अनंत टेक्नोलाॅजी द्वारा संकलित ब्योरे के आधार पर किए गए कर निर्धारण को त्रुटिपूर्ण निरुपित करते हुए तकरीबन डेढ़ लाख संपत्तिधारकों ने आपत्ति दर्ज की है। साथ ही पुन कर निर्धारण करने की मांग भी की है। सूत्रों के मुताबिक ऐसे अनेक मामले हैं, जिनमें एक संपत्ति को दो बताकर अलग-अलग कर निर्धारण किया गया है। इन घरों का दोबारा सर्वेक्षण कर कर निर्धारण की जिम्मेदारी भी मनपा के कर्मचारियांे पर लाद दी गई है, जबकि इस कार्य का शुल्क साइबरटेक व अनंत टेक्नाेलॉजी ने पहले ही वसूल कर लिया है।
ब्योरा अपडेट करने की जिम्मेदारी मनपा कर्मियों की
घर संपत्ति का स्वरूप बदलता रहता है। समय-समय पर ब्योरा अपडेट करने की जिम्मेदारी मनपा के कर निरीक्षकों व कर संग्राहकों की है। Geocivic app के जरिए यह ब्योरा अपडेट किया जाना है। यह निरंतर चलनेवाली प्रक्रिया है। साइबरटेक व अनंत टेक्नोलाॅजी द्वारा ठेके के मुताबिक काम पूर्ण कर लिया गया है।
-मिलिंद मेश्राम, उपायुक्त, राजस्व विभाग, मनपा
Created On :   11 Aug 2021 10:22 AM IST