हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा- 20 साल पहले संविधान संशोधन के बावजूद नहीं बन सकी वार्ड कमेटी

20 years ago Constitution amended ward committee could not be made - HC
हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा- 20 साल पहले संविधान संशोधन के बावजूद नहीं बन सकी वार्ड कमेटी
हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा- 20 साल पहले संविधान संशोधन के बावजूद नहीं बन सकी वार्ड कमेटी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने आम लोगों से जुड़ी समस्याओं को सुनने के लिए वार्ड स्तर पर कमेटी बनाए जाने के मुद्दे पर राज्य सरकार को जवाब देने के लिए तीन सप्ताह तक का समय दिया है। इससे पहले हाईकोर्ट को बताया गया कि 20 साल बीत जाने के बाद भी मुंबई में वार्ड स्तर पर कमेटी नहीं बनाई गई है। इस विषय को लेकर हाईकोर्ट ने 16 जुलाई को आदेश जारी किया था और आदेश की प्रति मुख्यमंत्री व राज्य के मुख्य सचिव के सामने रखने के लिए कहा गया था फिर भी वार्ड स्तर पर कमेटी गठित करने की दिशा में उठाए गए कदमों की जानकारी कोर्ट में नहीं पेश की गई है। लोकसत्ता मूवमेंट नामक संस्था ने इस विषय को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है।

इससे पहले याचिकाकर्ता के वकील सुजाय कांटावाला ने कहा कि वार्ड स्तर पर कमेटी बनाए जाने के लिए 20 साल पहले संविधान में संसोधन किया गया था लेकिन मुंबई के 227 वार्ड में सिर्फ 24 वार्ड स्तरीय कमेटी बनाई गई है। इसमे से सिर्फ 17 कार्यरत है। कमेटी को मुख्य रुप से आम नागिरकों से जुड़ी दिक्कतों व बुनियादी सुविधाओं से जुड़े मुद्दों को सुनने का अधिकार दिया गया है, लेकिन सरकार की निष्क्रियता के चलते अब तक कमेटी का गठन नहीं हो सका। यह काम राज्य के नगर विकास विभाग के अंतर्गत आता है और यह विभाग मुख्यमंत्री के पास है।

पहले अतिरिक्त सरकारी वकील गीता शास्त्री ने कहा कि उन्हें इस मामले में जवाब देने के लिए 15 दिन का समय दिया जाए। इसके बाद बेंच ने मामले की सुनवाई तीन सप्ताह तक के लिए स्थगित कर दी। बेंच ने कहा कि हर वार्ड में वार्ड स्तरीय कमेटी बनाना संभव नहीं है। लेकिन दो वार्ड के बीच में एक कमेटी बनाने की दिशा में पहल हो सकती है। इसलिए राज्य सरकार अदालत की ओर से 16 जुलाई को जारी किए गए आदेश को लागू करने की दिशा में प्रभावी कदम उठाए।  
 

Created On :   27 Aug 2018 9:26 PM IST

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