Maharashtra: केरोसिन मुक्त हुए महाराष्ट्र के 21 जिले, प्रधानमंत्री उज्जवला योजना का दिखा फायदा

21 districts of Maharashtra became kerosene free
Maharashtra: केरोसिन मुक्त हुए महाराष्ट्र के 21 जिले, प्रधानमंत्री उज्जवला योजना का दिखा फायदा
Maharashtra: केरोसिन मुक्त हुए महाराष्ट्र के 21 जिले, प्रधानमंत्री उज्जवला योजना का दिखा फायदा

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र के 21 जिले केरोसिन मुक्त हो गए हैं। यानि इन जिलों में अब मिट्टी के तेल की कोई मांग न होने के कारण सरकारी राशन की दुकानों से केरोसिन देना पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। पिछले कुछ वर्षों में केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के चलते राज्य में केरोसिन की खपत में तेजी से कमी आई है। बीते जनवरी महीने में महाराष्ट्र को 1788 किलोलीटर केरोसिन आवंटित की गई जबकि 2013 में राज्य में केरोसिन की मांग 177253 किलो लीटर और आपूर्ति 60,888 किलोलीटर की थी। 

राज्य के खाद्य-आपूर्ति विभाग से मिली जानकारी के अनुसार गत कुछ वर्षो में प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत राज्य में 44 लाख नए रसोई गैस कनेक्शन दिए गए हैं जिससे केरोसिन की खपत में तेजी से कमी आई है। विदर्भ के अकोला, वाशिम, चंद्रपुर, यवतमाल, बुलढाणा व नागपुर (ग्रामीण) जिले केरोसिन मुक्त हो गए हैं। जबकि जनवरी माह में गडचिरोली में 156, नागपुर (एफडीओ) के लिए 168, गोंदिया के लिए 36, वर्धा के लिए 12 व अमरावती के लिए 60 किलोलीटर केरोसिन आवंटित किया गया था। एक किलोलीटर यानी एक हजार लीटर होता है।

मुंबई-ठाणे भी केरोसिन मुक्त
खाद्य व आपूर्ति विभाग के नियंत्रक कैलाश पगारे ने ‘दैनिक भास्कर’ को बताया कि मुंबई महानगरिय क्षेत्र (एमटीआरए) के लिए अभी भी 12 किलो लीटर केरोसिन का आवंटन हो रहा है पर हम हर माह यह केरोसिन वापस कर देते हैं क्योंकि अगस्त 2020 से एमटीआरए केरोसिन मुक्त हो चुका है। उन्होंने बताया कि अगस्त 2020 के पहले एमटीआरए के लिए 4 हजार किलोलीटर केरोसिन आवंटित होता था।     

ये जिले हुए केरोसिन मुक्त
मुंबई, ठाणे, नाशिक, अहमदनगर, जलगांव, धुले, पुणे (एफडीओ), सांगली, औरंगाबाद, जालना, परभणी, हिंगोली, बीड, नांदेड, लातूर, अकोला, वाशिम, यवतमाल, बुलढाणा, नागपुर (डीएसओ), चंद्रपुर

सरकार ने खत्म कर दी है केरोसिन सब्सिडी
दरअसल केंद्र सरकार को केरोसिन सब्सिडी पर भारी भरकन रकम खर्च करनी पडती थी। पर अब केंद्र सरकार ने केरोसीन पर सब्सिडी को कीमतों में हल्की बढ़ोतरी के माध्यम से समाप्त कर दिया है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से बेचे जाने वाले ईंधन की कीमत अब बाजार रेट्स पर आ गई है। संसद में पेश किए गए बजट दस्तावेजों के अनुसार, केंद्रीय बजट 2021-22 में मिट्टी के तेल पर सब्सिडी के भुगतान के लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया है। 

1 अप्रैल, 2021 से शुरू होने वाले वित्त वर्ष में राशन कार्डधारकों को केरोसिन पर कोई सब्सिडी नहीं मिलेगी। 31 मार्च को समाप्त हो रहे चालू वित्त वर्ष में केरोसिन पर सब्सिडी 2,677.32 करोड़ रुपए थी, जबकि पिछले वित्त वर्ष में यह रकम 4,058 करोड़ रुपए थी। इंडस्ट्री सूत्रों के मुताबिक, 2016 में सरकार ने सरकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को सब्सिडी के बोझ में कटौती करने के लिए हर पखवाड़े में मिट्टी के तेल की कीमत 25 पैसे लीटर बढ़ाने की अनुमति दी थी।

Created On :   8 Feb 2021 12:45 AM IST

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