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लॉकडाउन से बिजली खपत में 22 फीसदी की कमी, सस्ती बिजली खरीद रही बिजली कंपनियां

डिजिटल डेस्क, मुंबई। कोरोना वायरस की रोकथाम के लिये जारी ‘लॉकडाउन’ के कारण मांग में कमी के बीच बिजली वितरण कंपनियां अपने लाभ को बनाये रखने के लिये सस्ती बिजली खरीदने के लिये एनर्जी एक्सचेंज का रुख कर रही हैं और महंगे बिजली खरीद समझौता (पीपीए) से परहेज कर रही हैं।
ब्रोकरेज कंपनी एमके ग्लोबल के अनुसार कोरोना वायरस संक्रमण के फैलने से रोकने के लिये 15 मार्च से शुरू आंशिक बंद के बाद से ही देश भर में बिजली की मांग में उल्लेखनीय कमी आयी और उर्जा खपत में 21-22 प्रतिशत की कमी आयी। औद्योगिक राज्य महाराष्ट्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 25 मार्च से 21 दिन के देशव्यापी बंद की घोषणा से पहले ही 22 मार्च से वाणिज्यिक गतिविधियां लगभग थम गयी। राज्य की सर्करा बिजली कंपनी महावितरण के एक अधिकारी ने कहा कि चूंकि मांग कम हो रही है, ऐसे में महाजनेको के ज्यादातर तापीय संयंत्र का उत्पादन कम हो रहा है। हम पनबिजली परियोजनाओं से बिजली ले रहे हैं। साथ ही हम उन निजी उत्पादकों से बिजली ले रहे हैं जहां बिजली खरीद समझौता शुल्क कम है। उन्होंने कहा कि हम एनर्जी एक्सचेंज से बिजली ले रहे हैं जो पीपीए शुल्क के मुकाबले सस्ती पड़ रही है।
अधिकारी ने यह भी कहा कि पिछले साल इसी अवधि के दौरान वह अधिक उत्पादन के कारण एनर्जी एक्सचेंज को बिजली बेच रही थी। लेकिन अब मांग कम है, ऐसे में तापीय बिजलीघरों में उत्पादन बंद कर तथा एक्सचेंज से सस्ती बिजली खरीदना वित्तीय रूप से व्यवहारिक मॉडल है।’’ राज्य में 26 मार्च को अधिकतम मांग 13,664 मेगावाट थी जो उसी दिन 2019 में 19,029 मेगावाट थी। मुंबई में बिजली सप्लाई करने वाली कंपनी ते प्रवक्ता के मुताबिक महानगर में बिजली के इस्तेमाल में 30 फीसदी की कमी आई है। कोरोना के चलते कार्यालय बंद हैं और लोग गर्मी बढ़ने के बावजूद एसी के इस्तेमाल से परहेज कर रहे हैं।
Created On :   13 April 2020 5:27 PM IST