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250 लोग आए सामने, कहा- निवेश के बहाने 3.5 करोड़ रुपए ठग लिए

डिजिटल डेस्क, नागपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम का इस्तेमाल कर लगभग 250 लोगों को साढ़े तीन करोड़ रुपए से ठगे जाने का मामला प्रकाश में आया है। संभावना जताई जा रही है कि यह मामला 100 करोड़ रुपए से भी अधिक का हो सकता है। उत्तराखंड की एक महिला की शिकायत पर सदर थाने में मामला दर्ज किया गया है। मामला करोड़ों रुपए की लेन-देन से जुड़ा होने के कारण अपराध शाखा के आर्थिक विभाग को इसकी जांच सौंपे जाने की संभावना है।
इस प्रकार है मामला
आरोपियों में आकाश हरिदास सरोदे (40) वैशाली नगर, अभिजीत गोपाल देव (32) और उसके अन्य साथी शामिल हैं। वर्ष 2016 में आरोपियों ने माय डिजिटल LED एंड मिडिया प्रायवेट लिमिटेड नामक कंपनी की स्थापना की। कंपनी का संचालन सदर छावनी स्थित गोंडवाना चौक से किया गया है। 3 नवंबर 2017 से 23 जुलाई 2018 के बीच में आरोपियों ने उत्तराखंड के देहरादून स्थित शाह नगर निवासी पार्वती सूरजमनी चमोली (28) से संपर्क किया। पार्वती को आरोपियों ने बताया कि उनकी कंपनी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्मार्ट सिटी योजना के तहत विविध शहरों में LED डिजिटल होर्डिंग लगाने का ठेका मिला हुआ है। इसमें निवेश करने पर निवेशकर्ता को 10 महीने तक 20 प्रतिशत कमीशन दिया जाएगा।
कम समय में दोगुनी रकम के लालच में कई झांसे में आए। अन्य भी कई तरह के प्रलोभन दिए गए। इस दौरान पार्वती को यह भी बताया गया कि कमाई का सुनहरा अवसर होने से वह अपने रिश्तेदार और परिचितों को भी इसमें शामिल कर उन्हें इसकी जानकारी दे। झांसे में आई पार्वती और उसके रिश्तेदारों ने 52 लाख 56 हजार रुपए इसमें निवेश किए। अन्य लोगों ने भी 2 करोड़ 48 लाख 200 रुपए निवेश किए। कुल 3 करोड़ 98 हजार रुपए का निवेश किया। इन लोगों ने रकम निवेश करने के बाद 56 लाख 50 हजार 500 रुपए की LED सामग्री भी व्यापारियों से खरीद ली थी। इस प्रकार घटित मामला से कुल 3 करोड़, 57 लाख 48 हजार 700 रुपए से लोगों काे चपत लगाई है।
मामला में लिप्त शातिर दिमाग आरोपियों ने महाराष्ट्र के अलावा अन्य प्रदेशों में भी मामला को अंजाम दिया है। औरंगाबाद में भी आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था। शहर पुलिस को अब तक विविध शहरों से लगभग 250 लोगों की शिकायतें मिली हैं। पुलिस उपनिरीक्षक मुकुंद जाधव के अनुसार यह मामला 100 से 1000 करोड़ रुपए तक जाने की संभावना है। मामला में और भी गंभीर चौकाने वाले खुलासे होने की भी संभावना है। मामला करोड़ों रुपए के लेन-देन से जुड़ा होने के कारण इसकी जांच अपराध शाखा के आर्थिक विभाग को सौंपे जाने की उम्मीद है।
Created On :   25 Nov 2018 5:48 PM IST