सीएम सड़क मामले में 26 लाख का भ्रष्टाचार साबित, अब तक नहीं हुई कार्रवाई

26 crores corruption proves in CM road case of madhya pradesh
सीएम सड़क मामले में 26 लाख का भ्रष्टाचार साबित, अब तक नहीं हुई कार्रवाई
सीएम सड़क मामले में 26 लाख का भ्रष्टाचार साबित, अब तक नहीं हुई कार्रवाई

डिजिटल डेस्कअनूपपुर । जैतहरी जनपद के ग्राम खोलईया से ग्राम डालाडीह तक मुख्यमंत्री ग्राम सडक योजना से मार्ग निर्माण का कार्य वर्ष 2010 में 94 लाख रूपये की लागत से स्वीकृत किया गया था, इस कार्य को ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग द्वारा किया जाना था। लगभग 5 कि.मी. लंबे इस मार्ग में कार्य पूरा किये बगैर ही राशि का आहरण कर लिया गया है, वर्ष 2016 में पूर्व जिला पंचायत सदस्य बुद्धसेन राठौर द्वारा पहली बार मामले की शिकायत की गई, वर्ष 2017 में जांच कमेटी बनाकर मामले की जांच कराई गई, जांच में शिकायत को प्रमाणित पाते हुये 26 लाख रूपयों का आहरण अधिक पाया गया। ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग व लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण यंत्री द्वारा जांच प्रतिवेदन संभागायुक्त को गत वर्ष नवंबर माह में सौंप दिया गया था। 4 महीने बीत जाने के बाद भी अब तक इस प्रकरण में कोई कार्यवाही नहीं हो पाई है, वहीं सडक निर्माण में लगे 132 मजदूरों की 3 लाख 46 हजार रूपये की मजदूरी का भुगतान भी अब तक नहीं हो पाया है।
यह है मामला
खोलईया से डालाडीह मार्ग निर्माण की स्वीकृति मुख्यमंत्री ग्राम सडक योजना के तहत 94.77 लाख रूपये की लागत से की गई थी जिसमें 31.38 लाख रूपये मनरेगा से था। 800 मीटर वन क्षेत्र में होने तथा 500 मीटर प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक योजना के तहत निर्मित मार्ग को इस सडक का हिस्सा बतलाकर पूर्व से निर्मित सडक को नई सडक बतलाकर राशि का आहरण कर लिया गया, सिर्फ इतना ही नहीं रोड रोलर चलाये बगैर ही मुरूम समतलीकरण दिखलाकर उसकी राशि भी निकाल ली गई। शिकायत के बाद जांच में बिन्दुवार शिकायत को प्रमाणित पाये जाने पर भी किसी भी तरह की कार्यवाही नहीं हुई।
ग्रेवल का फर्जी भुगतान
जांच के पश्चात प्रतिवेदन में स्पष्ट तौर पर उल्लेखित किया गया है कि 43 सौ मीटर लंबी सडक में 3 मीटर चौडाई व 22.5 सेंटीमीटर ऊंचाई में कार्य किया जाना था, किन्तु निर्धारित मानक में ग्रेवल कार्य किया जाना नहीं पाया गया, वहीं ग्रेवल मार्ग में पूर्व से जो मुरूम डली हुई थी उसे ही दिखलाकर भुगतान कर दिया गया है। मुरूम का सीबीआर वैल्यू 13.86 प्रतिशत पाई गई। अत: इस निर्माण कार्य में किया गया ग्रेवल का भुगतान पूर्णत: फर्जी है।
26 लाख का अधिक भुगतान
जांच के दौरान सडक निर्माण में मिट्टी कार्य में 3 लाख 22 हजार रूपये का अधिक भुगतान वहीं सब ग्रेड में 2741.52 घन मीटर में 8 लाख 19 हजार 7 सौ 40 का भुगतान अधिक कर दिया गया है। इसी तरह ग्रेवल मार्ग निर्माण में जीएसबी में 14 लाख 95 हजार 2 सौ 96 रूपयों का अतिरिक्त भुगतान पाया गया है। जांच प्रतिवेदन में दोनों ही अधीक्षण यंत्रियों द्वारा स्पष्ट लिखा गया है कि यह भुगतान संदेहास्पद एवं फर्जी प्रतीत होता है। संभागायुक्त को जांच प्रतिवेदन 6 नवंबर 2017 को सौंप दिया गया था जिसके बाद से कार्यवाही अब तक लंबित है।
पत्राचार तक सीमित मजदूरी
शिकायत होने के बाद 1 सितंबर 2017 को तत्कालीन संभागायुक्त व्ही.एम. शर्मा द्वारा कलेक्टर अनूपपुर को पत्र लिखा गया था कि जैतहरी जनपद में मुख्यमंत्री ग्राम सडक योजना से स्वीकृत सडक में अनियमितताओं की शिकायत की गई है जिसमें जांच प्रतिवेदन के अनुसार 132 मजदूरों का 3 लाख 86 हजार रूपये मजदूरी का भुगतान लंबित हैं। अत: मजदूरों का मजदूरी भुगतान अतिशीघ्र कराये जाने की कार्यवाही को सुनिश्चित करें। 6 महीनें बीत जाने के बाद भी संभागायुक्त के आदेश को पूरा नहीं किया जा सका है।
इनका कहना है
तत्काल ही मामले को दिखवाकर कार्यवाही की जायेगी।
रजनीश श्रीवास्तव, संभागायुक्त शहडोल

 

Created On :   23 March 2018 1:41 PM IST

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