गड़चिरोली में 300 रु. में बिक रहा ‘कलेक्टर’ आम

300 in Gadchiroli. Collector mangoes sold in
गड़चिरोली में 300 रु. में बिक रहा ‘कलेक्टर’ आम
डिमांड गड़चिरोली में 300 रु. में बिक रहा ‘कलेक्टर’ आम

डिजिटल डेस्क,  गड़चिरोली । शीर्षक पढ़कर आश्चर्य करने वाली कोई बात नहीं है, यह कलेक्टर कोई आईएएस अधिकारी न होकर फलों के राजा आम की एक प्रजाति है। गड़चिरोली प्रयोगशील और प्रगतिशील किसान राजेश इटनकर ने अपने आईफार्म में इस तरह के कलेक्टर आम के पेड़ उगाए हैं, जिसमें इन दिनों 1 किलो से अधिक वजन के आम उग आए हैं। यह आम बाजार में  300 रुपए किलो बिक रहा है। बाजार में इस आम की मांग भी बहुत है। अमूमन किसी भी प्रजाति के आम का वजन 500 ग्राम से अधिक नहीं होता। लेकिन इस कलेक्टर आम का वजन एक किलो से अधिक है और स्वाद में यह काफी मीठा होने से इसे चखने के लिए इन दिनों आईफार्म में लोगों की भीड़ होने लगी है।

 बता दें कि, किसान इटनकर ने गड़चिरोली जिला मुख्यालय से समीपस्थ आरमोरी मार्ग पर विभिन्न प्रजातियों के फलों की एक बगिया तैयार की है,जिसे उन्होंने आईफार्म का नाम दिया है। करीब दस वर्ष पूर्व शुरू किया गया उनका एक प्रयास अन्य किसानों के लिए आज मार्गदर्शक साबित होने लगा है। इस बगिया में उन्होंने अनेक प्रकार के आम के पेड़ लगाए हंै। इसमें दशहरी, केसरी, नीलम, मलिका, लंगड़ा समेत कलेक्टर का भी समावेश है। कलेक्टर आम के पेड़ को इस वर्ष पहली बार ही फल लगे हैं। साधारणत: किसी भी आम का वजन एक किलो नहीं होता। लेकिन कलेक्टर आम का वजन एक किलो से भी अधिक है। स्वाद में यह कलेक्टर काफी मीठा है। किसान इटनकर जिले के अन्य किसानों को इस तरह की खेती के लिए मार्गदर्शन भी करते आ रहे हैं। 
 
कहां से आया यह आम? 
ब्रिटिशकाल के दौरान गड़चिरोली का समावेश ईस्ट गोदावरी जिले में था। उस दौरान ईस्ट गोदावरी का मुख्यालय सिरोंचा था। सिरोंचा में ब्रिटिश सरकार के कलेक्टर के रूप में ग्लासफोर्ड को नियुक्त किया गया था। जिलाधीश ग्लासफोर्ड ने ही इंग्लैंड से एक आम का पौधा लाया था। जिसे सिरोंचा में रोपा गया। इस बीच भारत देश स्वतंत्र होने के बाद ब्रिटिश सरकार के सारे अधिकारियों को भारत छोड़ना पड़ा। लेकिन ग्लासफोर्ड द्वारा रोपा गया आम का पौधा सिरोंचा में ही था। यह पौधा जब बड़ा हुआ और इसमें आग लगने लगे तो आम का आकार काफी बड़ा था। आम का करीब डेढ़ किलो से अधिक का वजन होने से यह आम लाेगों में काफी पसंद किया जाने लगा। स्थानीय लोगों ने ही इस आम को ‘कलेक्टर’ नाम दिया। सिरोंचा से ही इस आम की एक कलम किसान इटनकर ने अपने बगियां में लगायी है। जिसे भी एक किलो से अधिक के आम लगने शुरू हुए हंै। वर्तमान में आदिवासी बहुल और नक्सल प्रभावित गड़चिरोली जिले में यह ‘कलेक्टर’ चर्चा का विषय बना हुआ है। 

 

Created On :   3 Jun 2022 10:03 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story