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डॉक्टर से 34.70 लाख की धोखाधड़ी , प्रकरण दर्ज

डिजिटल डेस्क, नागपुर। इंदिरा गांधी शासकीय महाविद्यालय व अस्पताल नागपुर और बीएमसी में कोरोना की दवा सप्लाई करने का झांसा देकर शहर के दो लोगों को लाखों रुपए से चूना लगाए जाने का मामला उजागर हुआ है। पीड़ितों में से एक डॉक्टर ने आरोपी के खिलाफ शिकायत की है। अंबाझरी थाने में प्रकरण दर्ज किया गया।
औरंगाबाद हेल्थ सर्कल का फर्जी-पत्र दिखाया
पीड़ित डॉक्टर नीरज यशवंत सोनवाने (37), शिवाजी नगर निवासी है, जबकि आरोपी अंकुर अशोक मोहोड़ (41), बलोदे ले-आउट, अकोला निवासी है। अंकुश पहले फार्मा कंपनी में काम करता था। अभी उसकी फार्मा की दुकान है। फार्मा कंपनी के कारण ही वह डॉ. नीरज के संपर्क में आया। डॉ. नीरज निजी अस्पताल में है। अंकुर ने नीरज को बताया कि, उसे इंदिरा गांधी शासकीय महाविद्यालय व अस्पताल नागपुर तथा बीएससी में कोरोना की दवा सप्लाई करने का ठेका मिल सकता है। डॉ. नीरज का विश्वास जीतने के लिए अंकुर ने उसे औरंगाबाद हेल्थ सर्कल का फर्जी लेटर भी दिखाया। यह भी बताया कि लाखों रुपए निवेश करने पर करोडों रुपए कमा सकते हैं। यह वाकया 10 जुलाई से 9 नवंबर 2020 के बीच का है।
आरोपी के खाते में जमा की रकम
झांसे में आकर डॉ. नीरज ने 34 लाख 70 रुपए अंकुश के खाते में जमा किए। लाखों रुपए निवेश करने के बाद भी नीरज को इसमें कोई लाभ नही मिला। पड़ताल करने पर अंकुर के फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। डॉ. नीरज ने उससे रकम वापस मांगी। रकम के चलते दोनों में कई बार विवाद भी हुआ।
आरोपी का चेक बाउंस हो गया
इस बीच अंकुर ने 32 लाख 25 हजार रुपए का चेक नीरज को दिया, लेकिन अंकुर के खाते में उतनी रकम नहीं होने से चेक बाउंस हो गया। इसके बाद मामला थाने पहुंचा। डॉ. नीरज की तरह और एक व्यक्ति को अंकुर ने इसी तरह से चूना लगाए जाने का पता चला है। उससे अंकुर ने कितनी रकम ऐंठी इसका पता नहीं चला है। डॉ. नीरज की शिकायत पर अंकुर के खिलाफ धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज किया गया है। अंकुर फरार है। वरिष्ठ निरीक्षक नरेंद्र हिवरे के मार्गदर्शन में अंकुर की सरगर्मी से तलाश जारी है।
Created On :   17 July 2021 4:59 PM IST