महाराष्ट्र को 4 लाख 35 हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन, अनियमितता से बढ़ी परेशानी

4 lakh 35 thousand Remdacivir injections to Maharashtra, irregularities increase problem
महाराष्ट्र को 4 लाख 35 हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन, अनियमितता से बढ़ी परेशानी
महाराष्ट्र को 4 लाख 35 हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन, अनियमितता से बढ़ी परेशानी

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र को 4 लाख 35 हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन देने का निर्णय लेते हुए फार्मा कंपनियों को आपूर्ति के आदेश दिए हैं। इसके बावजूद फार्मा कंपनियों ने प्रदेश के लिए पर्याप्त रेमडेसिविर नहीं भेजे हैं। इससे नागपुर समेत विविध जिलों में इंजेक्शन की आपूर्ति प्रभावित हो रही है। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में सुनवाई के दौरान यह बात सामने आई, जिसके बाद हाईकोर्ट ने नोडल अधिकारी को आदेश दिए हैं कि वे प्रत्येक जिले में कोरोना मरीजों की संख्या देखते हुए रेमडेसिविर का कोटा तय करें। इससे वितरण पारदर्शी बनाने में मदद मिलेगी। इसे  जिला अनुसार कोटा तय कर सूची सीधे  फार्मा कंपनियों को दें, ताकि यह देखा जा सके की पर्याप्त रेमडेसिविर दिए जा रहे हैं या नहीं। इससे न केवल स्थानीय जिलाधिकारियों का काम आसान होगा, बल्कि आदेश का पालन नहीं करने वाली फार्मा कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करने में आसानी होगी।

न्यायालयीन मित्र एड. श्रीरंग भंडारकर ने कोर्ट को बताया कि प्रदेश मे रेमडेसिविर वितरण में अनियमितता है। जालना जिला, जहां 5980 रेमडेसिविर इंजेक्शन की जरूरत थी, वहां राज्य सरकार ने 30 हजार इंजेक्शन भेजे हैं, जबकि 20 अप्रैल तक नागपुर जिले में 78,484 एक्टिव मरीज होने के बाद सिर्फ 7603 इंजेक्शन भेजे गए थे। आईएमए के एड.भानुदास कुलकर्णी और मध्यस्थी अर्जदार की ओर से एड. तुषार मंडलेकर ने कोर्ट में दलील दी कि 28 अप्रैल को राज्य सरकार ने नागपुर जिले में एक भी रेमडेसिविर इंजेक्शन नहीं भेजा, जबकि 22 से 30 अप्रैल के बीच नागपुर जिले को 49,177 इंजेक्शन मिलने चाहिए थे। मौजूदा कोविड मरीजों के आंकड़ों के अनुसार जिले को 6,539 रेमडेसिविर प्रतिदिन मिलना जरूरी है। 

नोडल अधिकारी हैं जिम्मेदार : हाईकोर्ट ने नोडल अधिकारी को मरीजों की संख्या देखते हुए प्रत्येक जिले का रेमडेसिविर का कोटा तय करने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि यदि किसी जिले में जरूरत से ज्यादा रेमडेसिविर आवंटित किए गए हैं, तो उन्हें वापस मंगा कर जरूरतमंद जिले में भेजा जाए। इस पर नोडल अधिकारी से शुक्रवार तक जवाब मांगा गया है। मुख्य सरकारी वकील श्री जोशी ने कोर्ट को बताया कि नोडल अधिकारी ने प्रत्येक जिले के लिए कोटा तय किया है, लेकिन केंद्र के आदेश के बावजूद फार्मा कंपनियां पर्याप्त रेमडेसिविर नहीं भेज रही हैं। इसके कारण रेमडेसिविर आपूर्ति में दिक्कतें हो रही हैं। हाईकोर्ट ने इस पर कहा कि रेमडेसिविर प्राप्त करने और योग्य तरीके से वितरण की पूर्ण जिम्मेदारी नोडल अधिकारी की है। इस पर नोडल अधिकारी स्पष्टीकरण दें। मामले में शुक्रवार को सुनवाई रखी गई है।
 

Created On :   30 April 2021 4:33 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story