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ऑनलाइन ठगी के दो मामलों में 4 लाख की चपत

डिजिटल डेस्क, अमरावती। मकान को किराए पर देने के लिए ऑनलाइन प्रॉपर्टी रेंटल साइट्स पर विज्ञापन देना एक बुजुर्ग को भारी पड़ गया। यही नहीं मोबाइल पर शेयर ब्रोकर के नाम से शेयर मार्केट में निवेश का झांसा देकर एक शख्स से 3.40 लाख रुपए की ठगी की वारदात को अंजाम दिया गया। जानकारी के मुताबिक सिटी कोतवाली पुलिस थाने की हद में रहने वाले मांगीलाल प्लॉट के घर नं. 20 निवासी 63 वर्षीय नितीन देवराव बिजवे ने एलआईसी कार्यालय के पास स्थित श्रीकृष्णा अपार्टमेंट स्थित 2 बीएचके फ्लैट की जानकारी ऑनलाइन प्रॉपर्टी रेंटल हाउस की वेबसाइट पर डाली थी। बिजवे सेवानिवृत्त मेडिकल अधिकारी हैं।
विज्ञापन को देखकर 10 अक्टूबर 2021 की सुबह अनिकेत विजय कालभोर नाम से खुद को सीआईएसएफ में कार्यरत होने की बात कहते हुए हैदराबाद से अमरावती एयरपोर्ट में ट्रांसफर करने की जानकारी देते हुए घर किराए पर लेने की बात कही। खुद का पहचान पत्र भी वॉट्सअप से शेयर किया। लेकिन अपने खाते से बिजवे के गूगल पे खाते में 50 हजार रुपए एडवांस भेजने का झांसा देकर उनकी अज्ञानता का फायदा उठाते हुए उलटे उनके अकाउंट से ही 50 हजार रुपए निकाल लिए। इसके बाद इसकी शिकायत सिटी पुलिस थाने में 11 अक्टूबर 2021 को की गई थी। शुरुआती जांच के बाद अब मामला साइबर सेल से सिटी कोटवाली थाने को तकीबन साढ़े चार माह बाद सुपुर्द किया गया है। मामले की जांच पीएसआई सुमेध सोनोने कर रहे हैं। वहीं, दूसरा मामला मंगलम प्लाजा निवासी स्टूडेंट ऋषिराज दीपक सिंह शेखावत (22) साल के साथ 4 मार्च 2022 से 4 अप्रैल 2022 के दरम्यान हुआ जहां बोगस शेयर ब्रोकर ने शेयरमार्केट में ऑनलाइन निवेश करने का झांसा देकर उनके 3 विभिन्न बैंक अकाउंट से 3.40 लाख रुपए ट्रांसफर करा लिए और गायब हो गया। खुद के साथ धोखाधड़ी होने की बात समझ में आने पर साइबर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई।
पुलिस ने अब तक ऑनलाइन फ्रॉड मामलों में लौटाए 9.98 रु.
ग्रामीण क्षेत्र में वर्ष 2021 के दौरान सूचना तकनीक अधिनियम 2008 के तहत दर्ज अपराधों में फोनपे, पेटीएम, गूगलपे, केवाईसी, डेबिट कार्ड, जॉब फ्रॉड आदि मामलों में आर्थिक धोखाधड़ी के मामलों में कुल 9 लाख 95 हजार 784 रुपए संबंधित शिकायतकर्ताओं को वापस लौटाए हैं। अमरावती साइबर पुलिस निरीक्षक बीडी पावरा द्वारा उपलब्ध जानकारी के अनुसार ऑनलाइन फ्रॉड करने वाले इन दिनों बड़े पैमाने पर ऑनलाइन लेनदेन करने वालों को निशाने पर बनाते हैं। मोबाइल पर लिंक भेजकर, केवाईसी के नाम पर, ओटीपी शेयर करने के नाम पर, बेनाम फोन कॉल्स के जरिए लोगों के साथ आर्थिक धोखेबाजी करते हैं। पुलिस द्वारा बताया गया कि किसी अनजान शख्स को जानकारी को शेयर करने से बचकर धोखाधड़ी से बचें।
Created On :   6 April 2022 2:35 PM IST