जनसहयोग का कमाल, 40 पशु चिकित्सालयों को पहली बार एक साथ ISO मानक

40 veterinary clinics in Nagpur have been awarded the ISO standard
जनसहयोग का कमाल, 40 पशु चिकित्सालयों को पहली बार एक साथ ISO मानक
जनसहयोग का कमाल, 40 पशु चिकित्सालयों को पहली बार एक साथ ISO मानक
हाईलाइट
  • इसमें जिला परिषद के 37 और राज्य सरकार के 3 चिकित्सालयों का समावेश है।
  • खास बात यह है कि सरकार की फूटी कौड़ी खर्च किए बिना जनसहयोग से यह उपलब्धि मिली है।
  • पशु चिकित्सा सेवा में उल्लेखनीय कार्यों के लिए जिले के 40 पशु चिकित्सालयों को "आईएसओ' मानक से सम्मानित किया गया है।
  • एक साल में इतनी बड़ी संख्या में जिला परिषद के पशु चिकित्सालयों को एक साथ "आईएसओ' मानक पहली बार मिला है।
  • पशु चिकित्सालय के तकनीकी

डिजिटल डेस्क,नागपुर। जनसहयोग मिले तो कठिन से कठिन कार्य भी आसान हो जाते हैं। ऐसा ही कुछ उपराजधानी के पशु चिकित्सालयों में सामने आया है। पशु चिकित्सा सेवा में उल्लेखनीय कार्यों के लिए जिले के 40 पशु चिकित्सालयों को "आईएसओ" मानक से सम्मानित किया गया है। इसमें जिला परिषद के 37 और राज्य सरकार के 3 चिकित्सालयों का समावेश है। एक साल में इतनी बड़ी संख्या में जिला परिषद के पशु चिकित्सालयों को एक साथ "आईएसओ" मानक पहली बार मिला है। खास बात यह है कि सरकार की फूटी कौड़ी खर्च किए बिना जनसहयोग से यह उपलब्धि मिली है। पशु चिकित्सालय से किसानों और गौपालकों का निकट संबंध है। किसानों और गौपालकों को मवेशियों के उपचार के लिए पशु चिकित्सालय से संपर्क करना पड़ता है।

पूरक व्यवसाय के रूप में अपनाया
कृषि के पूरक व्यवसाय के रूप में अनेक किसानों ने दुग्ध व्यवसाय अपनाया है। परंतु पशुओं को उपचार नहीं मिलने उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता है। किसानों और गौपालकों को बेहतर सेवा देने के िलए जिले के पशु संवर्धन विभाग की ओर से विशेष प्रयास किए गए। जनता के सहयोग से पशु चिकित्सा में उल्लेखनीय कार्य करने पर "आईएसओ" मानांकन से सम्मानित किया गया। परिसर स्वच्छता, किसानों को वर्गीकृत सुविधा, उत्तम पशु पैदास, बारह महीने गिले चारे का उत्पादन करने मार्गदर्शन व प्रोत्साहन, अद्यतन दस्तावेज, कृत्रिम रेतन, विविध योजनाओं की जनता तक जानकारी पहुंचाने में सफलता आदि लक्ष्य पार करने पर "आईएसओ" मानांकन दिया गया।

जनसहयोग से मिली सफलता
पशु चिकित्सालय के तकनीकी कार्यों में नागपुर जिला राज्य में तीसरे स्थान पर है। जनसहयोग से आईएसओ मानांकन के लिए प्रयास किए गए। इसमें सफलता हाथ लगी है। 
डॉ. उमेश हिरुलकर, जिला पशु संवर्धन अधिकारी, जिला परिषद

इन चिकित्सालयों का समावेश
आंजनगांव, नरखेड़, जलालखेड़ा, सावरगांव, पीपला, मेंढाला, कुही, सालवा, अरौली, मौदा, चाचेर, कोंदामेंढी, कन्हान, पारशिवनी, चारगांव, भिवापुर, काटोल, सावनेर, नांदा गोमुख, पाटनसावंगी, मोहपा, कोहली, हिंगना, गुमगांव, वड़ोदा, करवाही, साटक, माहुली, बेला, मकरधोकड़ा, बोरगांव, कोराडी, गुमथला, टेमसना, लाड़गांव, झिल्पा, मेटपांजरा, कोंढाली व मांढल।
 

Created On :   7 May 2018 12:32 PM IST

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