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धुलिया से लाकर 42 मजदूरों को बीच राह में छोड़ गया वाहन चालक, राजनांदगांव तक पैदल जाने कहा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। धुलिया से एक वाहन में 42 मजदूरों को लाने वाला वाहन चालक उन्हें वाड़ी के टी-प्वाइंट पर छोड़ कर चला गया। पूछने पर बोला कि अब यहां से अपने गांव राजनांदगांव (छत्तीसगढ़) पैदल चले जाओ। मजदूरों को समझ में नहीं आ रहा था कि अब क्या करें। इस दौरान मीडिया के लोगों की इन पर नजर पड़ी। पता चला कि सभी छत्तीसगढ़ के रहने वाले हैं। यह सभी लोग मुंबई, पनवेल, सूरत से पैदल चलकर धुलिया पहुंचे थे। वहां से शासकीय वाहन (बस) में उन्हें राजनांदगांव (छत्तीसगढ़) भेजने के लिए बैठाया गया था।
फिर यह हुई व्यवस्था
वाड़ी के बसपा शहर अध्यक्ष गौतम मेश्राम कार्यकर्ताओं के साथ वहां पहुंचे। पहले उन्हें भोजन कराया। उपविभागीय अधिकारी इंदिरा चौधरी को इसकी सूचना दी गई तो कहा कि मुझे कुछ भी जानकारी नहीं है। वाड़ी पुलिस और क्षेत्र के मुख्याधिकारी को भी जानकारी दी गई। हद तो यह है कि पुलिस प्रशासन के अलावा किसी भी शासकीय अधिकारी ने मजदूरों की व्यथा को गंभीरता से नहीं लिया। तब बसपा कार्यकर्ताओं ने मजदूरों को वाहन में बैठाकर वर्धा रोड पर जामठा पहुंचाया। इसी तरह अन्य 30 मजदूरों को भी जामठा भिजवाया गया। जामठा से मनोज गुप्ता नामक समाजसेवक ने मजदूरों को उनके घर पहुंचाने का इंतजाम किया। यह जानकारी बसपा हिंगना विधानसभा अध्यक्ष शशिकांत मेश्राम, वाड़ी शहर अध्यक्ष गौतम मेश्राम ने दी।
3 उदाहरण...सोशल डिस्टेंसिंग ताक पर
* प्रवासी मजदूरों को भेजते समय सोशल डिस्टेंसिंग का बिल्कुल भी पालन नहीं किया जा रहा है। रविवार को धुलिया से नागपुर पहुंचे मजदूरों के जत्थे को देखकर यही लग रहा था। इन मजदूरों को एक वाहन में ठूंसकर भेज दिया गया, जिसमें बच्चे भी थे।
* पिछले दिनों भी उस्मानाबाद से एक ट्रक में कुछ लोगों को इसी तरह ठूंसकर भेजा गया था। यह सभी लोग उत्तरप्रदेश के लोग थे।
* राजुरा से भी कुछ मजदूरों को नागपुर रेलवे स्टेशन पर यह कहकर भेज दिया गया था कि यहां से ट्रेन उत्तर प्रदेश जानेवाली है। बाद में उन्हें पता चला कि जानकारी गलत है।रात में ही उन्हें वापस राजुरा भेजने की जानकारी सामने आई। वे भी वाहन में ठूंसकर ही भेजे गए
Created On :   11 May 2020 6:12 PM IST