राख को उड़ने से रोकेंगे बांस के पौधे, बड़े होने पर पेपर मिल को बेचे जाएंगे

4300 bamboos will be planted around the Varegaon  Rakhad dam
राख को उड़ने से रोकेंगे बांस के पौधे, बड़े होने पर पेपर मिल को बेचे जाएंगे
राख को उड़ने से रोकेंगे बांस के पौधे, बड़े होने पर पेपर मिल को बेचे जाएंगे
हाईलाइट
  • महाजेनको खापरखेड़ा विद्युत केंद्र की हजारों टन राख रोज पानी के साथ वारेगांव राखड़ बांध में छोड़ी जाती है
  • लेकिन हवा चलने से इसके उड़ कर आस-पास के क्षेत्र में फैलने का खतरा होता है।
  • 3.65 हेक्टेयर में फैले वारेगांव राखड़ बांध के चारों ओर 4300 बांस के पाैधे क्रमवार लगाए जाएंगे।
  • इससे बचने के लिए अब वारेगांव राखड़ बांध के चारों ओर बांस लगाया जाएगा।
  • यह कार्य महाराष्ट्र बांस महामंडल करेगी।

डिजिटल डेस्क, नागपुर। महाजेनको खापरखेड़ा विद्युत केंद्र की हजारों टन राख रोज पानी के साथ वारेगांव राखड़ बांध में छोड़ी जाती है, लेकिन हवा चलने से इसके उड़ कर आस-पास के क्षेत्र में फैलने का खतरा होता है। इससे बचने के लिए अब वारेगांव राखड़ बांध के चारों ओर बांस लगाया जाएगा। 3.65 हेक्टेयर में फैले वारेगांव राखड़ बांध के चारों ओर 4300 बांस के पाैधे क्रमवार लगाए जाएंगे। यह कार्य महाराष्ट्र बांस महामंडल करेगी। हाल ही में महानिर्मिति के निदेशक संचालन ने बांस रोपण का शुभारंभ किया। इस मौके पर मुख्य अभियंता राजेश पाटील, अभय हरणे, राजकुमार तासकर, महाराष्ट्र बांस विकास महामंडल के सहायक वनसंरक्षक सी.एस. रेड्डी, उपमुख्य अभियंता राजेंद्र राऊत व प्रदीप फुलझेले उपस्थित थे।

बाद में पेपर मिल को बेचे जाएंगे बांस
बांस विकास मंडल यहां बलकोवा जाति के बांस का रोपण करेगी। इनकी ऊंचाई 15 से 20 मीटर तक होती है। अगले 5 वर्षों तक महामंडल चरणबद्ध तरीके से इन्हें लगाएगा व उनका संवर्धन करेगा। 5 वर्ष के बाद आवश्यक प्रशिक्षण के बाद ये बांस महानिर्मिति को हस्तांतरित किए जाएंगे। जानकारी के अनुसार, महाजेनको 5 वर्ष बाद इस बांस को बल्लारपुर पेपर मिल को बेचेगी, इससे अतिरिक्त राजस्व भी प्राप्त होने लगेगा।

Created On :   22 May 2018 12:36 AM IST

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