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2500 रुपए में की 440 दिन की पदयात्रा

डिजिटल डेस्क,नागपुर। कभी पैदल, तो कभी लिफ्ट लेकर। पीठ पर पर भारी-भरकम बैग और जेब में 2500 रुपए। शहर के 19 वर्षीय रोहन अग्रवाल ने 25 अगस्त 2020 से अपनी यात्रा शुरू की, तो अब 440 दिन बाद अनेक राज्यों की यात्रा पूरी कर चुके हैं। वह वाराणसी में गंगा नदी के पास हर-हर गंगे बोलकर भारत भ्रमण पर निकले हैं। उन्होंने तय किया कि भ्रमण पैदल ही किया जाए। 440 दिन की यात्रा करके रोहन शहर लौटे हैं। रोहन ने कहा कि अभी उनकी यात्रा समाप्त नहीं हुई है। रोहन ने अपने अनुभवों को साझा किया। उनकी यात्रा का उद्देश्य देश की संस्कृति और सभ्यता को जानना, समझना है।
बीकॉम द्वितीय वर्ष के बाद छोड़ी पढ़ाई : रोहन ने बताया कि वे बचपन से ही कुछ अलग करने की इच्छा रखते हैं। उनकी बचपन से भारत भ्रमण की इच्छा थी। शहर के गोविंदराम सेकसरिया कॉलेज में बीकॉम द्वितीय वर्ष की पढ़ाई कर रहे थे। रोहन ने बताया कि उन्हें हमेशा से विभिन्न राज्यों की सभ्यता और संस्कृति जानने की उत्सुकता है, इसलिए वे पैदल ही यात्रा करना चाहते थे।440 दिन की यात्रा में 2000 किमी पैदल और 20 हजार किमी लिफ्ट लेकर विभिन्न राज्यों में पहुंचे। वे अभी तक उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली, उत्तराखंड, चंडीगढ़, मप्र, हिमाचल, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, केरल, गोवा, पुडुचेरी सहित 12 राज्य और 3 केंद्रशासित प्रदेश घूम चुके हैं।
कई बार वालंटियर के रूप में किया काम
रोहन ने बताया कि 2500 रुपए की राशि लेकर वे घर से निकले थे। नागपुर से वाराणसी की यात्रा ट्रेन से की। उसके बाद पैदल निकल पड़े। माता-पिता का इसमें विरोध था, लेकिन किसी तरह से उनको समझा कर राजी किया। रोहन ने बताया कि हिमाचल के रास्ते पर 1000 हजार रुपए गिर गए। रास्ते मे पैसा खत्म होने पर कई जगहों पर वालंटियर के रूप में काम किया। कभी होटल में काम किया, तो कभी हॉस्टल में काम किया। रोहन ने बताया कि मेरे जीवन का सिद्धांत है कि भ्रमण के दौरान किसी से कुछ मांगना नहीं है। काम करके अपनी जरूरतों को पूरा करना है। रास्ते में कई मुश्किलें आईं, लेकिन मंजिल को पाना था, आगे बढ़ते रहे। रोहन ने बीकॉम के बाद पढ़ाई छोड़ने की बात पर कहा कि हर व्यक्ति डिग्री के लिए पढ़ाई करता है, लेकिन मेरा मानना है कि डिग्री से ज्यादा नॉलेज जरूरी है।
Created On :   13 Nov 2021 3:52 PM IST