सूनी न रहे सैनिकों की कलाई, सरहदों पर कश्मीर से लेकर कोलकाता तक पहुंचाई 5,000 राखियां

5,000 rakhi was send from Kashmir to Kolkata for indian soldiers
सूनी न रहे सैनिकों की कलाई, सरहदों पर कश्मीर से लेकर कोलकाता तक पहुंचाई 5,000 राखियां
सूनी न रहे सैनिकों की कलाई, सरहदों पर कश्मीर से लेकर कोलकाता तक पहुंचाई 5,000 राखियां

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। भाई-बहन के पवित्र पर्व पर भी देश की रक्षा के लिए तैनात हजारों सैनिकों के हाथों में इस बार छिंदवाड़ा की बहनों की राखियां दिखेगी। सरहद के सैनिकों की कलाई सूनी न रहे इसलिए पांच हजार राखियां देश की अलग-अलग सरहदों पर पहुंचाई गई है। शहीद मेजर अमित ठेंगे स्मृति समिति की महिलाओं ने ये राखियां सैनिकों के सम्मान में पहुंचाई है। पिछले एक महीने से भी ज्यादा समय से राखियां बनाने में लगी इन महिलाओं का कहना है कि वो सैकड़ों जवान जो इस पवित्र पर्व पर अपने घर नहीं आ सकते हैं। उनके लिए हम बहनों की तरफ से ये राखी का  तोहफा है। पूरे देश की रक्षा करने वाले हमारे सैनिकों के लिए हमने अपने हाथों से ये राखियां तैयार की है। तकरीबन  पांच सौ से ज्यादा राखियों को अपने हाथों से बनाने के अलावा हमने बाजार से खरीदकर भी ये राखियां देश की अलग-अलग सरहदों में तैनात सैनिकों के लिए पहुंचाई है।

2014 से पहुंचा रहे राखियां
समिति की सदस्य देवकी पदम ने बताया कि 2014 से ये राखियां हम सैनिकों के लिए पहुंचा रहे हैं। इसके पहले हम खुद सरहद पर जाकर ये राखियां सैनिकों को पहनाया करते थे, लेकिन पिछले चार सालों से हाथों से बनी राखियां सैनिकों को पहुंचा रहे हैं। इन राखियों को बनाने में दिल को शुकून मिलता है।

कश्मीर से लेकर कलकत्ता तक पहुंचाई राखियां
देश की अलग-अलग बॉर्डरों में सैनिकों के लिए ये राखियां पहुंचाई गई है। शहीद अमित ठेंगे समिति द्वारा कश्मीर में तैनात सैनिकों से लेकर बाघा बॉर्डर, राजस्थान बॉर्डर, कलकत्ता सहित असम, छत्तीसगढ़, पंजाब, छत्तीसगढ़ में तैनात सैनिकों के लिए राखियां पहुंचाई गई है।

भुजलिया का आया त्यौहार
भुजलिया का त्यौहार की उमंग और मस्ती सावन के महीने में रक्षाबंधन के पूर्व हिरदागढ़ तेलीवट की टांडा बस्ती में दिखाई देती है। टांडा बस्ती में बंजारा समाज के तत्वाधान् में भुजलिया समारोह का आयोजन किया जाता है। इस वर्ष भी शुक्रवार को टांडा बस्ती में भुजलिया हर्ष और उल्हास के साथ मनाई गई, जिसमें बंजारा समाज की महिलाओं  और पुरूषों ने भुजलिया का आया त्यौहार, सावन का महीना गीत गाकर नृत्य किया। भुजलिया के अवसर पर राजा धनियार और रणु बाई की प्रतिमा की मूर्ति स्थापित कर महिलाओं ने उसकी पूजा की। इसके बाद जवारे की भुजलिया देकर एक दूसरे को भुजलिया पर्व की शुभकामनाएं प्रेषित की।

 

Created On :   26 Aug 2018 12:32 PM GMT

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