टारगेट पूरा करने में आ रहा पसीना, 8 दिन में जुटाना है 11 करोड़

55 crores target for collecting registration fee from the Registry of land
टारगेट पूरा करने में आ रहा पसीना, 8 दिन में जुटाना है 11 करोड़
टारगेट पूरा करने में आ रहा पसीना, 8 दिन में जुटाना है 11 करोड़

डिजिटल डेस्क कटनी । जमीनों की रजिस्ट्री से कटनी जिले से इस साल पंजीयन शुल्क जुटाने का शासन ने 55 करोड़ रुपये टारगेट निर्धारित किया है। अब तक 44 करोड़ रुपये का पंजीयन शुल्क मिल गया है पर शेष 11 करोड़ जुटाने में विभाग को पसीना आ रहा है। अब चूंकि वित्तीय वर्ष के 9 दिन ही शेष बचे हैं लिहाजा 11 करोड़ पंजीयन शुल्क जुटाना  विभाग के लिए टेढ़ीखीर साबित हो रहा है। विभाग का भी मानना है कि 55 करोड़ रुपये का लक्ष्य हासिल करना मुश्किल है। क्योंकि पहले ही तरह अब जमीनों की खरीद फरोख्त भी नहीं हो रही है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि इस साल पंजीयन शुल्क 50 करोड़  तक पहुंचना भी कठिन है।
साल भर में 9588 रजिस्ट्रियां
जब से ई-पंजीयन शुरू हुआ है पंजीयन विभाग का ईयर 1 जनवरी से 31 दिसम्बर माना जाने लगा है। जबकि शासन का वित्तीय वर्ष 1 अप्रेल से 31 मार्च होता है। पिछले साल 2017 में कटनी जिले में 9588 दस्तावेजों का पंजीयन किया गया था। एक जनवरी से अब तक 2763 दस्तावेजों पंजीयन हुआ है। जबकि मार्च माह में 806 रजिस्ट्रियां हुई हैं। मंदी का यहां भी असर रियल स्टेट में मंदी का असर पंजीयन विभाग में पड़ा है। एक समय वह था जब शासन को कटनी जिले से 60 करोड़ से अधिक पंजीयन शुल्क मिल जाता था। अब जमीनों के सौदे कम होने से पंजीयन शुल्क में भी कमी हुई है। यही कारण है कि 55 करोड़ रुपये लक्ष्य हासिल करना भी मुश्किल हो रहा है।
प्रभार पर पंजीयन विभाग
कटनी का पंजीयन विभाग प्रभार पर चल रहा है। जानकारी के अनुसार जिला पंजीयक का प्रभार डिंडौरी में पदस्थ डीआर को दिया गया है। जबकि उनके पास मंडला का भी प्रभार है। जिससे यहां पदस्थ डीआर सप्ताह में एक-दो दिन का समय दे पाती है। जिन रजिस्ट्रियों में होल्ड लग जाता है उन्हे क्लीयर होने में कई दिन बीत जाते हैं। क्योंकि ऐसी रजिस्ट्रियों को क्लीयर करने का अधिकार जिला पंजीयक को रहता है।
इनका कहना है
  पंजीयन विभाग से कटनी जिले को 55 करोड़ रुपये का लक्ष्य प्राप्त हुआ है। अभी तक 44 करोड़ रुपये पंजीयन शुल्क प्राप्त हो चुका है। अधिकतम 50 करोड़ शुल्क प्राप्त होने का अनुमान है।
-पी.एन.त्रिपाठी, उप पंजीयक कटनी

 

Created On :   23 March 2018 1:44 PM IST

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