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59 बैंक अधिकारी, कर्मी और कर्जधारक नामजद

डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर। फर्जी आयकर रिटर्न दिखाकर मूल्यांकन से अधिक गृहकर्ज लेकर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से 14 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी मामले में आर्थिक अपराध शाखा ने अब तक 59 बैंक अधिकारी, कर्मचारी, कर्जधारक, सहकर्जधारक पर संबंधित धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया है। मामले में बड़ी मछलियां गिरफ्त से बाहर होकर 9 से 11 बिल्डरों का हाथ है। जितने कर्जधारक दोषी हैं, उतने ही संबंधित बिल्डर्स दोषी हंै, जिससे इस मामले की पारदर्शी जांच कर बिल्डरों पर कार्रवाई करने की मांग पत्र-परिषद में चंद्रपुर शहर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने की।
शहर अध्यक्ष राजीव कक्कड ने बताया कि, बिल्डरों ने फ्लैट बेचते समय ग्राहकों से करारनामे किए। जिसमें बिल्डरों ने फ्लैट के मूल कीमत से अधिक कीमत के करारनामे किए गए। मूल्यांकन रिपोर्ट, शोध रिपोर्ट, बाजार भाव व अन्य किसी तरह की जांच पड़ताल न करते हुए केवल करारनामा पर विश्वास रखकर 13 लोगों को कर्ज वितरित हुआ। कर्ज लेने के लिए फ्लैट धारकों के आयकर रिटर्न पेश किए गए परंतु उसकी भी जांच पड़ताल नहीं की गई। जिनकी कर्ज भरने की हैसियत नहीं है, उनके फर्जी दस्तावेज बनाकर कर्ज लिया गया है। कर्ज खाते एनपीए में जाने के बाद व यह मामला माध्यमों में आकर मंत्रालय तक शिकायत होने के बाद बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक ने थाने में शिकायत दी। इसके बाद फिर से 31 कर्जधारकों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया गया। गृहकर्ज सलाहकार के माध्यम से 44 कर्ज मामलों में से 30 कर्ज मामले कमीशन लेकर व फर्जी आयकर रिटर्नस, फर्जी पैनकार्ड तैयार कर दाखिल किए गए। राकांपा ने बताया कि, यह सभी मामले गृहकर्ज सलाहकार एजंट रमनबाबू वी.देगारमुंडी के माध्यम से किए गए। सभी 44 गृहकर्ज मामले केंद्र प्रक्रिया एलपीसी कार्यालय शास्त्रीनगर ने मंजूर किए।
इन ब्रांचेस में हुई धोखाधड़ी : गृहकर्ज मामले में फॉरेस्ट कैम्प एमआईडीसी चंद्रपुर, इनटच ब्रांच बापटनगर, इंडस्ट्रीयल स्टेट ब्रांच वरोरा नाका, पडोली ब्रांच, बाबूपेठ ब्रांच इन एसबीआई शाखाओं से 44 कर्ज प्रकरण मंजूर कर 14 करोड़ 26 लाख 61 हजार 700 रुपए का गृहकर्ज वितरित कर आर्थिक धोखाधड़ी हुई है। राकांपा ने बताया कि, 9 कर्ज धारकों के पैनकार्ड रजिस्ट्रेशन के पहले ही आयकर रिटर्न, आईटीआर-वी फार्म भरे होने की बात दर्शायी गई है। शास्त्रीनगर शाखा में प्रोसेडिंग आॅफिसर सेक्शन ऑफिसर के रूप में कार्यरत देवीदास कुलकर्णी, गिरीश चांदूरकर, नरेंद्र जावलेकर, उज्वल शेलके, पंकज सिंह सोलंकी, पवन वरयानी, विनोद कर्लेवार ने अपनी ड्यूटी के दौरान कर्ज वितरण करते समय गिरवी रखी संपत्ति की वैल्युएशन रिपोर्ट नहीं ली। संपत्ति की कीमत, मार्केट रेट, लोकेशन न लेते हुए निर्माणकार्य कालोनी के दर्जा से अधिक कर्ज राशि मंजूर की। कर्ज प्रकरण फाइल बैंक के माध्यम से स्वीकार नहीं की गई। बिक्री पत्र व करारनामा के अनुसार राशि गृहीत लेकर मंजूर की गई। एसबीआई गाइड-लाइन का उल्लंघन है।
मास्टर माइंड की गिरफ्तारी के बाद होंगे और खुलासे
शहर अध्यक्ष कक्कड ने कहा कि, देर से ही सही लेकिन आर्थिक अपराध शाखा ने जांच शुरू की है परंतु अपराध में शामिल आरोपी एजंट, बिल्डर्स व फर्जी आयकर रिटर्न बनाकर देनेवाले सीए गिरफ्त से बाहर है। एजंट में गणेश नैताम, सुक्रीम ठाकुर, आशीष ठेंगले, उदय इनमें से गणेश गिरफ्तार हुआ है परंतु बाकी सभी फरार है। मास्टर माइंड सुक्रीम बताया जाता है। जब तक यह लोग गिरफ्त में नहीं होंगे तब तक उन्हें मदद करनेवाले बिल्डर्स व सीए गिरफ्त में नहीं होंगे। पुलिस जांच में पता चला है कि, गिरफ्तार आरोपी कर्जधारक ने संपत्ति की खरीदी राशि से अधिक की राशि कर्ज के स्वरूप में ली है। उस संपत्ति की बिल्डरों ने अधिक की राशि कर्जधारकों को वापस की है। उधर पुलिस जांच में पता चला है कि, आरोपी गणेश नैताम ने एजी इन्वेस्टमेंट, रिक्रूटमेंट कन्सल्टन्सी एंड फाइनान्स नाम से फर्म खोलकर सभी प्रकार के कर्ज सुविधा उपलब्ध करवाकर मिलेंगे, ऐसा प्रचार किया। कर्जधारक व इस मामले में शामिल आरोपियों से 10 से 50 हजार कमिशन लिया और कर्ज मामले में कर्जधारकों से दस्तावेज प्राप्त कर सुप्रीम, आशीष, उदय के माध्यम से फर्जी दस्तावेज बनाकर कर्ज मंजूर करवाए गए। एजंट ने अब तक कितने लोगों की कर्ज फाइल तैयार की व किन बिल्डरों से कमिशन लिया, इसकी जांच पुलिस कर रही है।
Created On :   15 March 2022 3:59 PM IST