देवेन्द्र फडणवीस के खिलाफ याचिका पर 6 सप्ताह सुनवाई टली

6-week hearing on plea against Devendra Fadnavis deferred
देवेन्द्र फडणवीस के खिलाफ याचिका पर 6 सप्ताह सुनवाई टली
देवेन्द्र फडणवीस के खिलाफ याचिका पर 6 सप्ताह सुनवाई टली

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में विपक्ष नेता देवेंद्र फडणवीस के खिलाफ एड. सतीश उके द्वारा दायर  चुनाव याचिका दो सप्ताह टल गई है। याचिका में फडणवीस की विधायकी रद्द करने की प्रार्थना की गई है। एड. सतीश उके ने यह याचिका दायर कर फडणवीस पर गलत तरीके से चुनाव लड़ने और निर्वाचन अधिकारियों समेत सदर पुलिस द्वारा फडणवीस को मदद करने का आरोप लगाया है। याचिकाकर्ता के अनुसार नामांकन के दिन 4 अक्टूबर को दोपहर 3 से शाम 5.30 बजे तक निर्वाचन अधिकारी ने देवेंद्र फडणीवस का चुनावी शपथपत्र सार्वजनिक नहीं किया।

यहां तक कि, पुलिस की मदद लेकर आम जनता के लिए अपने दफ्तर का कॉरिडोर बंद कर लिया। इससे साफ होता है कि, निर्वाचन अधिकारी ने फडणवीस को शपथपत्र में त्रुटियां दूर करने में मदद की। इसी कारण शपथपत्र सार्वजनिक नहीं किया गया। शाम 6 बजे के करीब याचिकाकर्ता की शिकायत के बाद निर्वाचन अधिकारी ने कॉरिडोर में एंट्री शुरू कराई। इसके बाद स्क्रूटनी के दिन याचिकाकर्ता ने फडणवीस के आपराधिक प्रकरणों के आधार पर उनकी शिकायत की। नियमानुसार नामांकन के आखिरी दिन दोपहर 3 बजे के बाद कोई नया दस्तावेज स्वीकार नहीं किया जा सकता, लेकिन शिकायतों पर सुनवाई के दौरान निर्वाचन अधिकारी ने अवैध रूप से फडणवीस के पक्ष में कई दस्तावेज स्वीकार किए।

अकोला एमएसआरटीसी पर 35 हजार की कॉस्ट
 बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने एक ड्राइवर का पेंशन प्रस्ताव देर से भेजने पर अकोला एमएसआरटीसी पर 35 हजार रुपए की कॉस्ट लगाई है। याचिकाकर्ता गुलाम रसूल पठान एमएसआरटीसी में 28 जून 1997 से ड्राइवर का काम कर रहे थे। सेवानिवृत्ति के बाद से ही वे पेंशन प्राप्त करने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन एमएसआरटीसी, अकोला के अधिकारियों ने इस पर ध्यान नहीं दिया।  जिसके बाद याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट की शरण ली। हाईकोर्ट ने इस मामले में एमएसआरटीसी को पहले तो दो सप्ताह में पेंशन प्रस्ताव आगे बढ़ाने का आदेश दिया। बावजूद कर्मचारी को पेंशन नहीं मिली, तो कर्मचारी ने हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की। जिसके बाद हाईकोर्ट ने 10 दिन के भीतर पे यूनिट को कर्मचारी का पेंशन प्रस्ताव भेजने के आदेश एमएसआरटीसी को देते हुए उन पर 35 हजार रुपए की कॉस्ट लगाई। मामले में याचिकाकर्ता की ओर से एड. सलीम खान और एड. रश्मि गायकवाड़ ने पक्ष रखा। 
 

Created On :   15 Feb 2020 12:10 PM GMT

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