मेयो हॉस्पिटल में 250 कर्मचारियों के काम 60 कर्मचारी कर रहे

60 employees are working for 250 employees in Mayo Hospital
मेयो हॉस्पिटल में 250 कर्मचारियों के काम 60 कर्मचारी कर रहे
रिक्त पदों का टोटा मेयो हॉस्पिटल में 250 कर्मचारियों के काम 60 कर्मचारी कर रहे

डिजिटल डेस्क, नागपुर। किसी भी अस्पताल में साफ-सफाई करने वाले और अन्य चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की अहम भूमिका होती है। इनके बिना अस्पताल में साफ-सफाई की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं, लेकिन इंदिरा गांधी शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल में इन्हीं कर्मचारियों के पदों की अनदेखी की जा रही है। 250 कर्मचारियों के काम 60 कर्मचारी कर रहे हैं। इन कर्मचारियों के खाली पदों को नहीं भरा जा रहा है। दूसरी तरफ हाल ही में कोविडकाल में भर्ती किए गए चतुर्थ श्रेणी के कुछ कर्मचारियों को निकाल भी दिया गया है, जिससे समस्या और गंभीर हो गई है। जिले में डेंगू का प्रकोप और नॉन कोविड मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ने से सभी वार्ड फुल हैं। डॉक्टरों और परिचारिकाओं पर भी काम का बोझ बढ़ गया है।

पहले वाली कंपनी ने सेवा ली वापस
मेयो अस्पताल में पहले बीबीजी कंपनी का कॉन्ट्रैक्ट था, जिसमें क्लास फोर के कर्मचारियों की भर्ती की गई थी। उस कंपनी पर ढाई करोड़ से अधिक का बकाया था, जो अस्पताल प्रशासन नहीं दे सका। इसके कारण कंपनी ने अपनी सेवा वापस ले ली। इसके बाद कोविड के समय में बढ़ते मरीजों की संख्या को देखते हुए जिलाधिकारी कार्यालय की ओर से कर्मचारियों की भर्ती की गई थी। जिसका भुगतान जिलाधिकारी कार्यालय की ओर से हो रहा था। अब 8 दिन पहले वह उन कर्मचारियों को भी निकाल दिया गया है। इससे मैनपॉवर आधे से भी कम हो गया है। साथ ही अस्पताल में डॉक्टर और अन्य कर्मचारी भी डेंगू का शिकार हो रहे हैं। इससे अस्पताल में ड्यूटी पर कार्यरत परिचारिकाएं और डॉक्टरों पर काम बढ़ गया है। प्रशासन इस पर अब तक कोई सुध नहीं ले रहा है।

मेयो अस्पताल में एक वार्ड में कम से कम दो कर्मचारियों की जरूरत होती है, जबकि वहां पर सिर्फ एक कर्मचारी रहता है। कभी कभी दो वार्डों में एक कर्मचारी रहता है। एक वार्ड में करीब 30 से 40 मरीज होते हैं। उसे कई तरह के काम करने होते हैं, जिसमें सफाई का कार्य, मरीजों की देखरेख, मरीज को शिफ्ट करना, खाना लाना, जरूरत का सामान लाना, मरीजों के बेडशीट बदलना और कई अन्य कार्य होते हैं। इसमें कई बार कर्मचारी सामान लेने चला जाता है, तो डॉक्टर और परिचारिकाओं को यह कार्य करना होता है। इसके कारण मरीजों की भी पूरी तरह से देखभाल नहीं हो पाती है। कई काम मरीज के परिजनों काे करने पड़ रहे हैं। परिसर में हफ्तों तक सफाई नहीं हो पा रही है। 

हमने भर्ती करने की मांग की है
कोविड में जिलाधिकारी कार्यालय की ओर से कर्मचारियों की भर्ती हुई थी। वह 8 दिन पहले वापस ले ली गई है। अब हमने डायरेक्टर से एक हफ्ते पहले कर्मचारियों की नियुक्ति की मांग की थी। अरुण धुर्वे, प्रशासकीय अधिकारी, इंदिरा गांधी शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल

Created On :   26 Aug 2021 4:29 PM IST

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