कॉक्लियर इम्पलांट सर्जरी की लिस्ट में 600 मूक बधिर बच्चे 

600 deaf children will get benefit of cochlear implant surgery
कॉक्लियर इम्पलांट सर्जरी की लिस्ट में 600 मूक बधिर बच्चे 
कॉक्लियर इम्पलांट सर्जरी की लिस्ट में 600 मूक बधिर बच्चे 

डिजिटल डेस्क, मुंबई।  देश भर में कॉक्लियर इम्पलांट सर्जरी के लिए 600 मूक बधिर बच्चे वेटिंग लिस्ट में हैं। इनमें से 300 बच्चों को अगले मार्च महीने तक कॉक्लियर इम्पलांट कर दिया जाएगा। केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने यह जानकारी दी। शनिवार को गहलोत ने पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (पीएफसी) की सीएसआर योजना के तहत कॉक्लियर इम्पलांट सर्जरी कराने वाले बच्चों को प्रमाण पत्र देकर उन्हें प्रोत्साहित किया। पत्रकारों से बातचीत में गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार मूक एवं बधिर बच्चों की कॉक्लियर इम्पलांट सर्जरी के लिए छह लाख रुपए का अनुदान देती है।

अगले माह होगी 300 बच्चों की सर्जरी: उन्होंने कहा कि प्रतिक्षा सूची के 600 बच्चों में  से तीन सौ बच्चों की सर्जरी अगले तीन महीनें में कर दी जाएगी। बाकी के बच्चों की सर्जरी के लिए बजट में प्रावधान किया जाएगा। गहलोत ने कहा कि अभी तक 1019 बच्चों की सर्जरी कराई जा चुकी है। इसमें केंद्र सरकार के पीएफसी सहित अन्य उपक्रमों ने सीएसआर के माध्यम से मदद की है। लेकिन मानवता के इस काम में देश की और कंपनियों को आगे आना चाहिए। गहलोत ने कहा कि हर साल लगभग 14 हजार बच्चों को कॉक्लियर इम्पलांट सर्जरी की जरूरत पड़ती है। 
गहलोत ने कहा कि कॉक्लियर इम्पलांट को विदेश से मंगाना पड़ता है। इसके लिए सर्जरी पर काफी खर्च होता है। इसके मद्देनजर भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम (एलिम्को) के माध्यम से कॉक्लियर इम्पलांट बनाने का प्रयास शुरू है। इसका परिमाण अगले एक साल में देखने को मिलेगा। 
गहलोत ने कहा कि मेरी अपील है कि बच्चा पैदा होने के एक साल के भीतर प्रारंभिक जांच करा लेनी चाहिए। इससे यदि जल्द पता चलता है कि बच्चा सुन नहीं सकता है तो उसकी सर्जरी समय पर कराई जा सकती है। कम उम्र में सर्जरी कराने पर यह 100 प्रतिशत तक कामयाब होती है। 
गहलोत ने बताया कि दिव्यांगों के लिए सरकार ने कई योजनाओं के माध्यम से विभिन्न प्रकार के उपकरणों को बांटने का काम शुरू किया है। देश भर में 5090 कैम्प लगाए गए। जिसमें लगभग 9 लाख लाभार्थियों को विभिन्न उपकरण दिए गए हैं। 80 प्रतिशत तक विकलांग व्यक्तियों को 3 हजार मोटर ट्राइसिकल बांटी गई है। 
क्या है कॉक्लियर इम्पलांट
कॉक्लियर इम्पलांट एक इलेक्टॉनिक उपकरण होता है। जिसके माध्यम से सर्जरी के बाद बच्चों को सुनाई देता है। सर्जरी के बाद चिकित्सक द्वारा स्पीच थैरपी एक साल तक करना जरूरी होता है। इसके बाद मूक बधिर बच्चे सामान्य बच्चों की तरह सुनने और बोलने लगते हैं। 
पीएफसी ने कराई 100 बच्चों की कॉक्लियर इम्पलांट सर्जरी 
पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (पीएफसी) ने सीएसआर योजना के माध्यम से 100 बच्चों की कॉक्लियर इम्पलांट सर्जरी कराई है। इसके लिए कंपनी ने 6 करोड़ 30 लाख रुपए खर्च किया है। कंपनी ने कॉक्लियर इम्पलांट सर्जरी कराने वाले 12 बच्चों को गहलोत के सामने मंच पर पेश किया। इनमें से कुछ बच्चों से गहलोत ने बातचीत की। 

Created On :   16 Dec 2017 7:03 PM IST

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