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एमपी : 13 हजार किसानों का साढ़े 62 करोड़ रुपए भुगतान बकाया

डिजिटल डेस्क, बालाघाट। कृषि मंत्री के गृहजिले में किसानों को समर्थन मूल्य में बेची गई धान के लिए अब दिनों इंतजार करना पड़ रहा है। शासन ने किसानों से उनकी उपज तो ले ली किन्तु सप्ताह और पखवाड़ा बीत जाने के बाद भी सरकार अब तक किसानों को उनकी उपज का भुगतान नहीं दिलवा सकी है। अन्नदाता किसान संगठन की मानें तो जिले के लगभग 13 हजार से ज्यादा किसान समर्थन मूल्य में फसल बेचने के बाद अब भी अपनी फसल के दाम का इंतजार कर रहे है।
एक जानकारी के अनुसार लगभग 13 हजार से ज्यादा किसानों का साढ़े 62 हजार रूपये भुगतान बाकी है। जिससे किसानों को फसल का दाम समय पर नहीं मिलने से किसानों के समक्ष परिवार चलाने से लेकर बच्चों की पढ़ाई, बेटियों के विवाह की चिंता ने उन्हें घेर रखा है। जिससे किसान की स्थिति दुबले पर दो आषाढ़ की तरह हो गई है, देश की रीढ़ कहा जाने वाला किसान स्वयं को ठगा सा महसुस कर रहा है, हालांकि सरकार किसानों के लिए खेती को लाभ का धंधा बनाने की बात कहती है।
अन्नदाता किसान संगठन ने भुगतान की मांग
जिले में किसानों की समस्या और उनके हक के लिए संघर्ष कर रहे अन्नदाता किसान संगठन के केन्द्रीय अध्यक्ष मुरली मनोहर श्रीवास्तव और जिलाध्यक्ष दिलीप उपवंशी ने जिले के किसानों के साथ फसल के दाम के जल्द भुगतान को लेकर प्रशासनिक अधिकारी पियुष भट्ट को ज्ञापन सौंपा।
सरकार जल्द करें किसानों का भुगतान
अन्नदाता किसान संगठन के केन्द्रीय अध्यक्ष मुरली मनोहर श्रीवास्तव और जिलाध्यक्ष दिलीप उपवंशी ने कहा कि सरकार ने समर्थन मूल्य में किसान की धान तो खरीद ली, किन्तु जिले के लगभग 13 हजार से ज्यादा किसानों को लगभग 62.89 करोड़ रूपया बकाया है, जो भुगतान अभी किसानों को मिलना बाकी है। जिससे किसान आर्थिक रूप से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। संगठन के केन्द्रीय अध्यक्ष मुरलीमनोहर श्रीवास्तव ने कहा कि मंडी अधिनियम के तहत यह अपराध है कि किसानों का भुगतान सप्ताह और पखवाड़ा बीत जाने के बाद भी नहीं कराया गया है।
उन्होंने कहा कि अन्नदाता किसान संगठन शासन और प्रशासन से मांग करता है कि जल्द से जल्द किसानों की फसल का दाम उन्हें तत्काल दिलाया जायें, ताकि किसान को राहत मिल सकें। उन्होंने कहा कि खरीफ फसल का भुगतान नहीं मिलने से अधिकांश किसानों के परिवार के जीविकोपार्जन के अलावा घर में बच्चों की पढ़ाई, बिटिया की शादी सहित रबी फसल के लिए दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जिससे किसान की मानसिक स्थिति को आघात पहुंच रहा है।
Created On :   4 Feb 2018 12:27 AM IST