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महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद में जान गंवाने वाले 67 शिवसैनिकों को मिले शहीद का दर्जा

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा आंदोलन में अपनी जान गंवाने वाले 67 शिवसेना कार्यकर्ताओं को शहीद का दर्जा दिए जाने की मांग पार्टी के नेता व राज्य के नगर विकास मंत्री एकनाथ शिंदे ने की है। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखा है। शिंदे ने कहा है कि मेरी मांग पर गंभीरतापूर्वग विचार कर इसका एलान करें। शनिवार को बेलगाव कारवार संयुक्त महाराष्ट्र संघर्ष में अपनी जान गवाने वाले शिवसैनिकों को शिवसेना की तरफ से श्रद्धांजलि दी गई। साथ ही शिंदे ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर 67 शिवसैनिकों को शहीद का दर्जा देने की मांग की।
दरअसल 1 नवंबर 1968 को शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे सीमा भाग के मराठी भाषियों के प्रति अपना समर्थन जताने के लिए बेलगाव गए थे। उस दौरान श्री ठाकरे ने कहा था कि सीमा विवाद का हल नहीं निकला तो मुंबई में केंद्रीय मंत्रियों को आने नहीं देंगे। इसके बाद 8 फरवरी 1969 को केंद्रीय मंत्री मोरारजी देसाई मुंबई (तब बंबई) पहुंचे तो शिवसेना की तरफ से उन्हें ज्ञापन सौपने का निर्णय लिया गया। ज्ञापन देने के लिए जब मोरारजी के काफिले को रोकने की कोशिश की गई तो उनके काफिलों के वाहनों की चपटे में कई शिवसैनिक आ गए। इसके बाद सीमा विवाद को लेकर आंदोलन शुरु हो गया।
इस आंदोलन में 67 शिवसेना कार्यकर्ताओं की जान चली गई थी। उस दौरान ठाकरे और मनोहर जोशी को गिरफ्तार भी किया गया था। शिंदे ने अपने पत्र में कहा है कि बेलगाव सहित संयुक्त महाराष्ट्र होना चाहिए। समझा जा रहा है कि मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे के हिंदुवादी रुख के बाद शिवसेना उन्हें मात देने के लिए प्रांतवाद की राजनीति को गरमाना चाहती है। मनसे की तरफ से रविवार को एनआरसी के समर्थन में मोर्चा निकाला जा रहा है।
Created On :   8 Feb 2020 7:46 PM IST