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डेल्टा से संक्रमित हैं 68 प्रतिशत ओमिक्रॉन मरीज

डिजिटल डेस्क, मुंबई। कोरोना के नए स्वरुप ओमिक्रोन को लेकर उत्पन्न भय के बीच मरीजों के नमूनों के जिनोम अनुक्रमण से यह बात सामने आयी है कि अब भी लोग सबसे अधिक डेल्टा स्वरूप से संक्रमित हो रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. प्रदीप व्यास ने राज्य के सभी विभागीय आयुक्तों, जिलाधिकारियों, मनपा आयुक्तों व जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को लिखे पत्र में कहा कि 4200 से अधिक नमूनों का विश्लेषण किया गया जिनमें से 68 प्रतिशत डेल्टा स्वरूप से संक्रमित मिले जबकि 32 प्रतिशत मरीज ओमिक्रोन से संक्रमित पाये गए। राहत की बात है कि बहुत कम मरीजों को आईएसीयू व ऑक्सीजन की जरुरत पड़ी है।
उल्लेखनीय है कि भारत में पिछले साल डेल्टा स्वरूप की वजह से महामारी की दूसरी लहर आई थी और उस दौरान भारी तबाही मची थी। ओमिक्रोन स्वरूप का सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में नवंबर 2021 मं पता लगाया गया और यह भारत में दिसंबर के पहले सप्ताह से फैलना शुरू हुआ था। महाराष्ट्र में शुक्रवार रात तक ओमिक्रोन के 1,605 मामलों की पृष्टि हो चुकी थी जबकि राज्य में अबतक कोविड-19 से 71,24,278 लोग संक्रमित हो चुके हैं। डॉ. व्यास ने पत्र में लिखा, ‘‘पिछले साल एक नवंबर से अबतक 4,265 मरीजों के नमूनों को जिनोम अनुक्रमण के लिए भेजा गया है। इनमें से 4,201 नमूनों की रिपोर्ट जारी की गई है। इससे पता चलता है कि 1,367 नमूनों या 32 प्रतिशत में ओमिक्रोन स्वरूप पाया गया जबकि बाकी 68 प्रतिशत नमूनों में डेल्टा स्वरूप पाया गया।उन्होंने कहा कि बुधवार (12 जनवरी) तक राज्य में 2,40,133 मरीज उपचाराधीन थे जिनमें से 90 प्रतिशत मरीज या तो घर पर क्वारेंटाईन में हैं या कोविड केयरसेंटर में हैं। अधिकारी ने बताया कि मौजूदा समय में मामले मुख्य तौर पर शहरों और मुंबई, ठाणे, रायगढ़, पालघर, पुणे और नागपुर जैसे इलाके में बढ़ रहे हैं, जहां पर कोविड-19 रोधी टीका लगवाने वालों का प्रतिशत बेहतर है। डॉ. व्यास ने अपने अधिकारियों से कहा कि मौजूदा समय में आ रहे संक्रमण के मामलों से निपटने के दौरान इन अवलोकनों को ध्यान में रखा जाना चाहिए।
Created On :   15 Jan 2022 7:33 PM IST