अल सुबह संवेदनशील क्षेत्र में पहुंच गए सेना के सात ट्रक,लोग सकते में

7 trucks of the army along with the troops got trapped in the streets of Phootatal
अल सुबह संवेदनशील क्षेत्र में पहुंच गए सेना के सात ट्रक,लोग सकते में
अल सुबह संवेदनशील क्षेत्र में पहुंच गए सेना के सात ट्रक,लोग सकते में

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। आज सुबह 7:40 पर फौजियों के साथ सेना के  7 ट्रक देखकर फूटाताल की गलियों के बाशिंदे सकते में आ गए और कई प्रकार के कयास लगाने लगे। परन्तु उनको जब पता चला कि ये फौजी इलाहाबाद जा रहे है, तो उनकी जान में जान आयी।

जा रहे थे इलाइाबाद
हुआ यूं कि इलाहाबाद जाने निकले फौजियों के दल जो कि 6 से 7 सेना के ट्रकों में सवार था, रास्ता भटक कर फूटाताल गलगला जैसी मात्र 12 फुट सकरी गली में आकर फस गए थे । फौजियों को देख जब उनसे पूछा गया उन्होंने बताया कि उनको इलाहाबाद जाना है, और किसी ने गलत रास्ता बता दिया। इसलिए वह यहां आकर फंस गए। वे इतने सकरे रास्ते में फंसे थे कि, फूटा ताल चौराहे पर उनको ट्रक मोडऩे मे काफी मशक्कत करना पड़ी । बहरहाल उनको वहां से निकालकर घमापुर चौराहे तक पहुंचाया गया।

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इस घटनाक्रम में दो बातें अत्यधिक पीड़ादायक है , पहली यह कि आखिर फौजी मुख्य मार्ग से सकरे मार्ग तक कैसे पहुंचे , उन्हें किसने गलत दिशा दी, और दूसरी यह कि जब फूटाताल जैसी सकरी गली में फौजियों के ट्रक फंसे थे, तो पुलिस कंट्रोल रूम को फोन पर सूचना देने के बाद भी बेलबाग थाने या किसी पुलिस पार्टी को भेजकर इन फौजियों को और उनके ट्रकों को सही मार्ग तक पहुंचाया जाए । परंतु फोन करने के बाद 12 मिनिट तक कोई वहां नहीं पहुंचा। लिहाजा उन्हें वहां उपस्थित लोगों  ने मुख्य मार्ग तक पहुंचाकर आगे का मार्ग बताया । इस घटना से शहर में पुलिस की सक्रियता और जागरूकता की कलई खुल गई , क्योंकि यह फौजियों के ट्रक जिस सकरे मार्ग पर आगे बढ़ रहे थे, वो संवेदनशील होने के नाते पुलिस के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, और वहां चप्पे-चप्पे पर कैमरे लगे हुए हैं । इतनी सकरी गली में इतने विशाल ट्रकों को इतना लम्बा रास्ता तय करते समय क्या पुलिस के किसी भी जिम्मेदार की नजर नहीं पड़ी, और कंट्रोल रूम को क्यो नहीं दिखा, जबकि फूटाताल चौराहा, कोतवाली और बेलबाग दोनों थाना की सीमा में आता है । इसी तरह गलगला के पहुंच मार्ग जहां से ट्रक अंदर आए थे, वह ओमती थाना क्षेत्र में आता है । यदि पुलिस से चूक हो भी गयी थी तो वह सूचना पाकर क्यों नहीं सक्रिय हुई ।क्या यूं मान लिया जाए कि शहर पर नजर रखने और संवेदनशील क्षेत्रों पर अलर्ट का दावा करने वाली पुलिस की सक्रियता की हकीकत कुछ और है ।वह तो अच्छा हुआ यह फौजियों के ट्रक थे , जो कि देश के रक्षक हैं, कहीं इनकी जगह देश और समाज के दुश्मन होते तो शायद जनता भगवान भरोसे होती ।

 

Created On :   20 Dec 2018 1:43 PM IST

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