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75 साल पुरानी इमारत को मरम्मत की जरूरत

डिजिटल डेस्क,नागपुर। मध्य भारत के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल के नाम से प्रसिद्ध शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल (मेडिकल) को इस साल 75 साल पूरे हो रहे हैं। दूसरी तरफ मेडिकल की मुख्य इमारत लापरवाही, नियमित रख-रखाव व मरम्मत के अभाव में खराब होने लगी है। मेडिकल के टीबी वार्ड में दो साल पहले छत गिरने से दो लोगों की मौत के बाद संबंधित अधिकारियों द्वारा इमारतों का ऑडिट किया गया था और खराबियों को दूर करने का आदेश दिया गया था। थोड़ी-बहुत मरम्मत के बाद आदेश को कूड़ेदान में डाल दिया गया और इमारत को जर्जर होने के लिए छोड़ दिया गया है।
मेडिकल की इमारत में 40 से अधिक स्थानों पर पौधे उग चुके हैं। इनमें से अधिकतर पेड़ का रूप ले चुके हैं। कहीं खिड़कियों पर, छतों पर, तो कहीं दीवारों पर पेड़-पौधे दिखाई देते हैं। इनके कारण दीवारें, छत, खिड़कियों का हिस्सा खराब होने का खतरा बन गया है। पाइपलाइनों के किनारों पर भी पेड़-पौधे उग चुके हैं। समय रहते इन पर ध्यान नहीं दिया गया, तो भविष्य में दीवारों, खिड़कियों आदि में दरारें आ सकती हैं, जिससे दुर्घटना हो सकती है।
2019 में हुई थी घटना
दिसंबर 2019 में मेडिकल के ही टीबी वार्ड में एक घटना हुई थी। यहां की इमारत की छत गिर गई थी। इसमें 2 लोगों की मौत और 4 लोग घायल हुए थे। मरने वालों में एक मरीज का समावेश था, वहीं एक महिला अपनी बहन को देखने के लिए आई थी। वह भी दुर्घटना का शिकार हुई थी। छत कमजोर होने की जानकारी यहां के निवासी डॉक्टरों ने संबंधित जिम्मेदार अधिकारियों को दी थी। इसके बावजूद ध्यान नहीं दिया गया और दो लोगों को जान गंवानी पड़ी। वर्तमान में भी इमारत के कुछ हिस्सों का यही हाल है।
मरम्मत कर खानापूर्ति की गई
1947 में स्थापित मेडिकल की इमारत कई स्थानों पर अपनी दयनीय अवस्था में पहुंच गई है। जब दो साल पहले टीबी वार्ड की छत गिरने की घटना हुई थी, तो मेडिकल की इमारत का ऑडिट किया गया था। ऑडिट में कई स्थानों पर इमारत कमजोर होने की जानकारी सामने आई थी। इसके बाद कुछ स्थानों पर मरम्मत कर खानापूर्ति कर दी गई। उसके बाद नियमित रख-रखाव व मरम्मत पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इसमें जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही प्रमुख कारण बताया जा रहा है।
2019 में हुई थी घटना
दिसंबर 2019 में मेडिकल के ही टीबी वार्ड में एक घटना हुई थी। यहां की इमारत की छत गिर गई थी। इसमें 2 लोगों की मौत और 4 लोग घायल हुए थे। मरने वालों में एक मरीज का समावेश था, वहीं एक महिला अपनी बहन को देखने के लिए आई थी। वह भी दुर्घटना का शिकार हुई थी। छत कमजोर होने की जानकारी यहां के निवासी डॉक्टरों ने संबंधित जिम्मेदार अधिकारियों को दी थी। इसके बावजूद ध्यान नहीं दिया गया और दो लोगों को जान गंवानी पड़ी। वर्तमान में भी इमारत के कुछ हिस्सों का यही हाल है
लोहे के पाइप से सीढ़ियों पर सपोर्ट
सूत्रों के अनुसार एमएस ऑफिस से वार्ड क्रमांक 36 अौर पेइंग वार्ड की तरफ जाने वाली सीढ़ियांे पर लोहे के पाइप से छत के बीम को सपोर्ट दिया गया है। यह स्थिति लगभग सालभर से है। जब इमारत का ऑडिट किया गया था, तो उस समय छत कमजोर होने की बात सामने आई थी। वर्तमान में कुछ स्थानों से प्लास्टर भी गिर रहा है। स्थायी रूप से नई छत बनाने का कोई प्रावधान नहीं किया गया है।
Created On :   28 Feb 2022 7:53 AM GMT