इंटेलिजेंस की 8 टीम करेगी जीएसटी चोरों की तलाश

8 teams of intelligence will search for GST thieves
इंटेलिजेंस की 8 टीम करेगी जीएसटी चोरों की तलाश
इंटेलिजेंस की 8 टीम करेगी जीएसटी चोरों की तलाश

डिजिटल डेस्क, नागपुर। केंद्रीय वस्तु एवं सेवाकर आसूचना निदेशालय (डीजीजीआई) ने फर्जी दस्तावेज लगाकर 1083 करोड़ रुपए का व्यवसाय दिखाने वालों की घेराबंदी शुरू कर दी है। डीजीजीआई ने इसकी जांच और आरोपियों को पकड़ने के िलए इंटेलिजेंस की 8 टीमें गठित कर दी हैं। जरूरत पड़ने पर टीम की संख्या बढ़ाई जा सकती है। टीमों द्वारा सतारा, नांदुरबार, धुले के अलावा मध्यप्रदेश, झारखंड, हरियाणा में भी जांच की जाएगी।

ऐसे खुलेंगी परतें
 मामले में 1083 करोड़ रुपए का व्यवसाय दिखाकर 135 करोड़ रुपए का लाभ लिया गया है। जांच में सामने आया कि अधिकांश कंपनियों ने सिल्क यार्न, वुलन यार्न, कॉटन यार्न, पेपर यार्न और सिंथेटिक यार्न के व्यवसाय के नाम पर फर्जीवाड़ा किया। चूंकि इनकी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट नहीं थी और उनके पास कहीं से भी माल नहीं आ रहा था, जबकि इनके द्वारा लगातार सप्लाई किया जा रहा था। पर कुछ भी नहीं मिला और उनके संस्थान, बिजली के बिल सब फर्जी मिले। अब जिनके नाम से पंजीयन किया गया था उनसे पूछताछ की जाएगी, जिसके बाद खुलासा होगा कि यह फर्जीवाड़ा कौन कर रहा था। 

यह फर्जीवाड़ा तीन श्रेणी में आता है
यदि कोई व्यक्ति अपने दस्तावेज देकर हर माह या साल के हिसाब से पैसे कमा रहा था, तो उससे मास्टर माइंड के बारे में पूछताछ की जाएगी।
यदि किसी व्यक्ति द्वारा अपने रिश्तेदार और सहयोगी के साथ मिलकर ऐसा किया जा रहा है, तो उस मास्टर माइंड का खुलासा किया जाएगा।
यदि किसी को दस्तावेज देने के बाद उसके द्वारा ऐसा किया जा रहा है, तो उसके नाम की जानकारी की जाएगी।
नोट- लगभग सभी मामले 5 करोड़ से अधिक के होने के कारण सभी को गिरफ्तार कर पूछताछ की जाएगी।
 

Created On :   22 Oct 2020 3:33 PM IST

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