विदेश जाने के लिए कबूतरबाजों से सावधान, 3 साल में 90 हजार भारतीय लाए गए सुरक्षित

90,000 Indians brought back safe in 3 years, Advice on going overseas through registered agent
विदेश जाने के लिए कबूतरबाजों से सावधान, 3 साल में 90 हजार भारतीय लाए गए सुरक्षित
विदेश जाने के लिए कबूतरबाजों से सावधान, 3 साल में 90 हजार भारतीय लाए गए सुरक्षित

डिजिटल डेस्क, नागपुर। भारतीय विदेश मंत्रालय में सचिव ज्ञानेश्वर मुले ने कहा कि नौकरी के लालच में विदेश जानेवालों का शोषण होता है। इसे रोकने के लिए पंजीकृत एजेंट के माध्यम से ही विदेश में नौकरी के लिए जाने की सलाह दी गई है। शोषण के शिकार 90 हजार भारतीयों को विदेश से सुरक्षित देश में लाया गया। विदेश में रहनेवाले 1 लाख 30 हजार भारतीयों को विविध प्रकार की सहायता विदेश मंत्रालय की आेर से दी गई। देश से हर साल लाखों लोग मजदूरी करने विदेश जाते है। मुले ने बताया कि लोग नौकरी और अन्य लालच में आकर कबूतरबाजी का शिकार होते हैं। नौकरी करने के लालच में विदेश गए लोगों के साथ ज्यादती होती है। उनका शारीरिक और मानसिक शोषण होता है। विदेश मंत्रालय ऐसे लोगों ती हरसंभव मदद तो करता है, लेकिन दलालों पर पूरी तरह कार्रवाई नहीं हो पाती। उन्होंने पंजीकृत एजेंट के माध्यम से विदेश में नौकरी के लिए जाने की सलाह दी।

पंजीकृत एजेंट द्वारा जाने पर शोषण करने की शिकायत मिली, तो एजेंट की 50 लाख की गारंटी कैंसल कर ब्लैक लिस्ट में डाला जाता है। रजिस्टर्ड एजेंट के माध्यम से धोखा होने की संभावना नहीं के बराबर है। खाड़ी देशों में ज्यादातर लोग मजदूरी का काम करते है। पंजाब से अमेरिका और यूरोप में ज्यादा भारतीय जाते है। आंध्रप्रदेश से अशिक्षित लोग व महिलाएं खाडी देशों में जाती है। इनके साथ धोखा ज्यादा होता है। केरल से नर्सेस विदेश में सेवा देने जाती है। रजिस्टर्ड एजेंट के माध्यम से जाने पर इनका बीमा भी कराया जाता है। 3 साल में 90 हजार भारतीयों को वापस देश में लाया गया। 1 लाख 30 हजार पीडि़त लोगों को सहायता दी गई। मृत्यु होने पर भारतीय को विमान से देश में लाया जाता है। 

मुले ने कहा कि विदेश में आपका दोस्त भारतीय दूतावास है आैर विभाग इसी संकल्पना पर काम कर रहा है। काम के सिलसिले में विदेश जानेवाले को प्रशिक्षण देकर भेजने की विभाग की योजना है। विदेश मंत्रालय विदेश में रहनेवाले हर भारतीय का ख्याल रखता है। भारतीय दूतावास के अधिकारी इनके संपर्क में रहकर इनके कल्याण पर जोर देते है। इस अवसर पर नागपुर के वरिष्ठ पासपोर्ट अधिकारी सी. एल. गौतम, सहायक अधिकारी मनीषकुमार आदि उपस्थित थे। 

नागपुर में हर दिन 500 पासपोर्ट 

विदेश सचिव मुले ने कहा कि नागपुर में हर दिन 500 पासपोर्ट बनते है। पासपोर्ट बनाना अब काफी आसान हो गया है। पासपोर्ट बनाने में दलालों की भूमिका खत्म हो गई है। राज्य में 38 नए पासपोर्ट आफिस खोलने की योजना है, जिसमें से 16 पासपोर्ट आफिस शुरू हो गए है। पासपोर्ट आफिस अब पोस्ट आफिसों में खोले जा रहे है। पोस्ट आफिस पासपोर्ट सेवा केंद्र यही संकल्पना है। 

आज से चंद्रपुर में पोसपोर्ट ऑफिस 

सोमवार 3 दिसंबर से चंद्रपुर में पासपोर्ट आफिस शुरू हो रहा है। अब चंद्रपुर के लोगों को नागपुर आकर पोसपोर्ट नहीं बनाना पड़ेगा। पोस्ट आफिस में ही पासपोर्ट सेवा केंद्र है। पोस्ट आफिस पासपोर्ट सेवा केंद्र यह देश का 238 वां पासपोर्ट सेवा केंद्र है। 3 दिसंबर से ही यहां कामकाज शुरू हाे जाएगा। नागपुर समेत विदर्भ में अब 8 पासपोर्ट सेवा केंद्र हो गए। ई डिजिटल कार्ड देने पर विचार हो रहा है।

Created On :   2 Dec 2018 1:06 PM GMT

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