मनपा के बजट का 9.46% स्वास्थ्य सेवाओं पर होगा खर्च

मनपा के  बजट का 9.46% स्वास्थ्य सेवाओं पर होगा खर्च
मनपा के बजट का 9.46% स्वास्थ्य सेवाओं पर होगा खर्च

डिजिटल डेस्क, नागपुर। मनपा स्थायी समिति सभापति प्रकाश भोयर द्वारा पेश किए गए वर्ष 2021-22 के बजट पर सत्तापक्ष और विपक्ष में तीखी बहस हुई। विपक्ष ने इसे शब्दों की बाजीगरी बताते हुए कहा कि सत्तापक्ष पहले आंकड़ों की बाजीगरी करता था। अब शब्दों की बाजीगरी कर रहा है। यह सिर्फ छह महीने का बजट है। ऐसे में उद्देश्य पूरा नहीं होगा। विपक्ष ने आरोप लगाया कि  यह पूरा न होने वाला बजट है, जो सिर्फ कागजों पर सिमटकर रहेगा। सत्तापक्ष ने इसका जवाब देते हुए बजट का शहरवासियों के हित में बताकर समाधान जताया। 

मनपा की विशेष ऑनलाइन सभा में सोमवार को बजट पर चर्चा हुई। कांग्रेस के वरिष्ठ नगरसेवक प्रफुल गुडधे ने कहा कि  मनपा में भाजपा की पिछले 15 साल से सत्ता है। 20 साल पहले मंजूर शहर विकास प्रारूप (डीपी प्लान) का कितना पालन हुआ। मनमानी विकास किया जा रहा है। डामर के अच्छे रास्ते तोड़कर सीमेंट रास्ते तैयार किए जा रहे हैं। 24 बाय 7 जलापूर्ति योजना के बावजूद अनेक क्षेत्रों में सिर्फ आधा घंटा पानी आ रहा है। वंदेमातरम् नागरी आरोग्य केंद्र का प्रस्ताव सभागृह पर पटल पर आना अपेक्षित था, लेकिन उसे सीधे बजट में रखा गया। महापौर दृष्टि सुधार योजना, महापौर ज्योति योजना के लिए शल्यक्रिया का संपूर्ण खर्च सरकार की योजना से दिया जाता है। क्या मनपा इस योजना में सिर्फ नोडल एजेंसी का काम कर रही है? बजट में कोरोना के उपाय योजना पर नाममात्र प्रावधान है। उन्होंने मनपा पर जिम्मेदारी स्वीकारने में विफल होने का आरोप लगाया।  

गुडधे ने किया सभात्याग : चर्चा के दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नगरसेवक प्रफुल गुड़धे ने वैक्सीनेशन की नीति को लेकर केंद्र सरकार पर आरोप लगाए। इसे लेकर भाजपा के वरिष्ठ नगरसेवक प्रवीण दटके व एड. धर्मपाल मेश्राम ने प्वाइंट ऑफ ऑर्डर लिया। गुडधे ने भाषण में रुकावटें निर्माण करने का आरोप लगाते हुए नाराजगी जताई और सभात्याग किया। गुडधे ने सत्तापक्ष के संपूर्ण कार्यकाल को कटघरे में खड़ा किया। 

सिर्फ घोषणाएं 
मनपा आय के स्रोत पर ध्यान न देते हुए सरकारी अनुदान पर निर्भर है। भाजपा सिर्फ घोषणाएं करती रहीं, मगर योजना रेंगती रहीं। 24 बाय 7 योजना अधूरी है। टैंकर मुक्त शहर हुआ नहीं। बाजार कॉम्प्लेक्स कागजों पर है। कचरा गाड़ियों पर भ्रम कायम है। सीवर लाइन की बड़ी समस्या है। चेंबर खुले पड़े हैं। ऐसी स्थिति में बजट ‘खोदा पहाड़, निकली चुहिया’ है। ऐसे बजट का निषेध करते हैं। 
-तानाजी वनवे, विरोधी पक्षनेता 

आय के स्रोत पर ध्यान
नागपुर महानगरपालिका ने आय के स्रोतों पर ध्यान दिया है। अनेक पारदर्शी प्रकल्प बनाए हैं। भाजपा ने दिखाए सपनों को 90 प्रतिशत तक पूरा किया है। केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी व विरोधी पक्षनेता देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में शहर का चेहरा-मोहरा बदलने से चारों ओर विकास हुआ है।  -अविनाश ठाकरे, सत्तापक्ष नेता 
 

Created On :   1 Jun 2021 10:57 AM IST

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