आदिवासियों के विरोध के बीच हो रहा 3 दिवसीय रामायण पाठ प्रतियोगिता का आयोजन

A 3-day Ramayana recitation competition is being organized amidst the opposition of tribals
आदिवासियों के विरोध के बीच हो रहा 3 दिवसीय रामायण पाठ प्रतियोगिता का आयोजन
छत्तीसगढ़ आदिवासियों के विरोध के बीच हो रहा 3 दिवसीय रामायण पाठ प्रतियोगिता का आयोजन

डिजिटल डेस्क, रायपुर। छत्तीसगढ़ में रामायण पाठ को लेकर चल रहे असंतोष के बीच, राज्य सरकार की ओर से महत्वाकांक्षी राम वन गमन पर्यटन सर्किट के तहत शिवरीनारायण मंदिर के जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण कार्य के पूरा होने का जश्न मनाने के लिए तीन दिवसीय रामायण पाठ प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। कांग्रेस सरकार की ओर से रामायण पाठ आयोजित करने के कदम का आदिवासियों ने विरोध किया है। छत्तीसगढ़ की 30 प्रतिशत से अधिक आबादी आदिवासी है। आदिवासी संगठन इस कदम का विरोध करते हुए कह रहे हैं कि यह उनके हितों का हनन है।

जांजगीर-चांपा जिले के मंदिर परिसर में शुक्रवार को विभिन्न मंडलों द्वारा मानस गायन (रामचरित मानस का पाठ) के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई। इस गायन प्रतियोगिता में प्रदेश के 25 जिलों के लगभग 350 प्रख्यात कलाकार प्रस्तुति देंगे, जिसके परिणाम अंतिम दिन घोषित किए जाएंगे। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल प्रथम रहने वाले (विजेता) को 5 लाख रुपये, द्वितीय रहने वाले (उपविजेता) को 3 लाख रुपये और तीसरे स्थान पर आने वाले प्रतियोगी को 2 लाख रुपये का नकद पुरस्कार देंगे।

छत्तीसगढ़ की कोकिला पद्मश्री ममता चंद्राकर छत्तीसगढ़ी में लोक और भक्ति गीतों की प्रस्तुति देंगी। पिछले साल छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने एक भव्य आयोजन में पर्यटन सर्किट विकास परियोजना के तहत रायपुर के पास चांदखुरी में पुनर्निर्मित कौशल्या माता मंदिर का उद्घाटन किया था। शिवरीनारायण मंदिर परियोजना के पहले चरण में चिह्न्ति नौ स्थलों की कतार में दूसरा है।

(आईएएनएस)

Created On :   8 April 2022 4:00 PM GMT

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