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महाराष्ट्र: बच्चे के नामकरण के लिए हुआ चुनाव, रिश्तेदारों ने डाले वोट
डिजिटल डेस्क, गोंदिया। आमतौर पर नवजात बच्चे का नाम उसके माता-पिता ही अपनी पसंद से रखते हैं। बच्चे के नामकरण का फंक्शन भी फैमिली फंक्शन होता है, लेकिन हाल ही में महाराष्ट्र में एक दंपत्ति अपने बच्चे के नाम को लेकर इतने कन्फ्यूज हुए कि उन्हें नामकरण के लिए चुनाव कराना पड़ा। नामकरण के लिए हुए चुनाव में रिश्तेदारों, दोस्तों और पूर्व सांसद सहित कई लोगों ने वोट डाले। वोटिंग के बाद बच्चे का नाम रखा गया।
दरअसल मामला महाराष्ट्र के गोंदिया जिले का है। यहां एक दंपत्ति मिथुन और मानसी बांग ने 5 अप्रैल को जन्मे अपने बच्चे का नाम रखने के लिए चुनाव करवाया। नवजात बच्चे का नाम रखने के लिए परिजनों, मित्रों और रिश्तेदारों के बीच वोटिंग कराई गई। परिजनों ने बच्चे के लिए तीन नामों का सुझाव दिया था। 15 जून को वोटिंग कराई गई। मतदान के लिए बैलेट बॉक्स रखे गए थे। बैलेट पेपर का इस्तेमाल कर वोटिंग की गई।
चुनाव में मतदाता के रूप में परिवार, दोस्तों और रिश्तेदारों समेत कुल 192 लोग शामिल हुए थे। चुनाव आयोग की तर्ज पर दंपत्ति ने बालक नाम चयन आयोग का बड़ा बैनर भी बनवाया था। बच्चे के लिए सुझाए गए तीन नामों में से एक का चयन करने के लिए वोटिंग हुई। फिर वोटों की गिनती के बाद सबसे ज्यादा वोट पाने वाले नाम को फाइनल किया गया।
खास बात यह है कि इस पूरे कार्यक्रम में पूर्व सांसद नाना पटोले ने भी शिरकत की थी। गौरतलब है कि नाना पटोले के इस्तीफे की वजह से ही 28 मई को गोंदिया में उपचुनाव कराया गया था।
A couple in #Maharashtra's Gondia organised an election to name their newborn baby; guests at the event took part in voting. Boy was finally named 'Yuvan'. Father of the boy said, 'According to our baby's 'kundli', he'll be a politician in future, so we chose his name by voting' pic.twitter.com/uynFlvOZpY
— ANI (@ANI) June 19, 2018
नवजात बच्चे के पिता मिथुन ने बताया बच्चे की कुंडली के अनुसार वो भविष्य में राजनेता बनेगा। बच्चे के लिए तीन नाम युवान, यक्ष और यौविक का सुझाव मिला था, लेकिन नाम को लेकर वो कन्फ्यूजन था। इसलिए बैलेट पेपर की मदद से नाम तय करने के बारे में सोचा। उन्होंने कहा कि मतदान में 192 वोट पड़े और युवान नाम को सबसे ज्यादा 92 वोट मिले। वोटों की काउंटिंग के बाद बच्चे का नाम युवान रखा गया है।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।