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एक ही फ्लैट दो लोगों को बेचकर 30 लाख की धोखाधड़ी, गुजराती व्यापारी के खिलाफ मामला दर्ज

डिजिटल डेस्क, नागपुर। गुजरात के एक व्यापारी ने नागपुर का अपना फ्लैट एक बार बेचने के बाद उसे दोबारा अपने पड़ोसी को बेच दिया। इसके लिए सिंडीकेट बैंक से 30 लाख रुपए का गृह कर्ज लिया गया। बैंक में किस्त जमा होना बंद होने पर बैंक ने उस फ्लैट की ‘सर्च रिपोर्ट’ निकाली, तो धोखाधड़ी का मामला उजागर हो गया। इस मामले में आरोपी ने बैंक के साथ फ्लैट के पड़ोस में रहने वाले व्यक्ति के साथ भी ठगी की। पंजीकृत विक्रीपत्र व अन्य दस्तावेज तैयार किया : पुलिस सूत्रों के अनुसार शिवानी बार, माडुंगा बानेर, जिला पुणे निवासी अतुल शंभूभाई पटेल (47) मूलत: प्लॉट नं. 55, वढवान सिटी, जीआईडीसी जिला सुरेंद्र नगर, गुजरात निवासी है। अतुल पटेल व्यापारी है। उसने नागपुर में एक फ्लैट लिया था। उसने अपने फ्लैट को चंद्रशेखर राव नामक व्यक्ति को बेचने के लिए उसे पंजीकृत विक्रीपत्र व अन्य दस्तावेज तैयार करके दिया।
आरोप है कि अतुल पटेल ने चंद्रशेखर राव को सीताबर्डी थानांतर्गत लॉ कॉलेज चौक स्थित सिंडीकेट बैंक से गृहकर्ज मिलने के लिए उन्हें आवेदन जमा करने को कहा। चंद्रशेखर राव ने बैंक के अधिकारी राजवीर हरि सिंह (55) चिन्मय अपार्टमेंट, गिरीपेठ नागपुर के पास गृहकर्ज के लिए आवेदन किया। बैंक से संबंधित संपूर्ण प्रक्रिया चंद्रशेखर राव ने पूरी की। बैंक की प्रक्रिया पूरी करने के बाद बैंक अधिकारी राजवीर ने 30 लाख रुपए का कर्ज मंजूर किया।
बैंक ने धनादेश अतुल पटेल के नाम दिया
कर्ज मंजूर होने पर चंद्रशेख राव ने फ्लैट के विक्रीपत्र बैंक में जमा किया। बैंक ने मंजूर हुए गृहकर्ज की रकम का धनादेश (चेक) चंद्रशेखर राव के पास आरोपी अतुल पटेल के नाम से प्रस्तुत किया। चंद्रशेखर राव ने कर्ज की किस्त के रूप में बैंक में करीब 1 लाख 19 हजार 857 रुपए जमा किया। आरोपी अतुल पटेल ने चंद्रशेखर राव को फ्लैट पर कब्जा नहीं दिया। कर्ज की किस्त देना बंद हो गई। इस कारण एनपीए (नॉन परफार्मिंग असेस्ट) हो गया। यह बात राजवीर हरि सिंह के ध्यान में आने पर उन्होंने बैंक में गिरवी रखे गए फ्लैट के दस्तावेजों की ‘सर्च रिपोर्ट’ निकाली, तब उन्हें धोखाधड़ी किए जाने की हकीकत पता चली।
‘पावर ऑफ अटर्नी’ गोविंद सारडा के पास
अतुल पटेल ने यह फ्लैट चंद्रशेखर राव को बेचने के पहले ही शहर के एक कारोबारी गोंविंद भंवरलाल सारडा को 10 मई 2012 में ‘पावर आॅफ अॅ।टर्नी’ किया था। इसके आधार पर गोविंद सारडा ने 12 अगस्त 2015 को फ्लैट खुद के नाम पर सेलडीड करने की बात पता चली। यह पूरा मामला 2 मई 2015 से 19 अक्टूबर 2018 के दरमियान हुआ। इस तरह आरोपी अतुल पटेल ने एक ही फ्लैट को दो बार बेचा और चंद्रशेखर राव के नाम पर बैंक से मंजूर हुई गृह कर्ज की रकम खुद के फायदे के लिए उपयोग किया। आरोपी ने चंद्रशेखर राव व राजवीर हरी सिंह की सिंडीकेट बैंक के साथ धोखाधड़ी की। इस मामले में बैंक अधिकारी राजवीर सिंह की शिकायत पर सीताबर्डी पुलिस ने आरोपी अतुल पटेल के खिलाफ धारा 465, 467, 468, 471, 420 के तहत मामला दर्ज किया है। सीताबर्डी पुलिस मामले की जांच कर रही है।
Created On :   21 Oct 2018 6:03 PM IST