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प्यार का बंधन : दिव्यांग बहन ने कदमों से बांधी भाई को राखी
डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली। भाई-बहन के अटूट स्नेह का पर्व है रक्षाबंधन। इस पर्व पर बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखियां बांधकर उनकी सलामती की कामना करती हैं। वहीं भाई भी उनकी सुरक्षा का वचन लेता है। रक्षाबंधन का पर्व रविवार को मनाया गया। जिले में मार्मिक वाकया सामने आते ही मन द्रवित हो उठा। दरअसल, यहां की एक दिव्यांग बहन ने दोनों पैरों से राखी उठाकर अपने मुंहबोले भाई की कलाई पर सजाई। गड़चिरोली निवासी प्रदीप राऊत ने बताया कि उनकी 19 वर्षीय बेटी आंचल दिव्यांगता पर मात करते हुए दोनों पैरों से ही राखी बांधती है।
जन्मत: दिव्यांग है आंचल
बता दें कि, आंचल जन्मत: ही दिव्यांग है। दोनों हाथ नहीं हैं। वह बचपन से ही अपना काम स्वयं कर लेती है। आंचल ने वरिष्ठ अधिकारी बनने का सपना देखा है, जिसे साकार करने के लिए वह मेहनत कर रही है। दिव्यांगता को राह का रोड़ा बनने नहीं दे रही है। इस बार आंचल ने कक्षा 10 वीं में पैरों से पर्चा छुड़ाकर 77.40 प्रश अंक प्राप्त किए। वहीं कक्षा 12 वीं में उसे 63.53 प्रश अंक मिले। उसने MSCIT का कोर्स भी किया है। वह पैरों से पेंटिंग भी बनाती है। आंचल अपना दैनिक खुद करती है। वह माता-पिता को एकलौती संतान है। पिछले कुछ वर्षों से वह रक्षाबंधन पर अपने मुंहबोले भाई अनिल मून का राखी बांधती है।
इस वर्ष भी रविवार को रक्षाबंधन पर उसने अपने अनिल की कलाई पर पैरों से राखी बांधी। आंचल ने आरती की थाली सजाना पैरों से भाई के माथे पर टीका लगाना आदि कार्य खुद किए। आंचल हाथों से दिव्यांगता होने के बाद भी खुद को कमजोरी नहीं होने देती। रविवार को रक्षाबंधन पर आंचल ने अनिल की कलाई पर राखी सजाई।
Created On :   27 Aug 2018 1:02 PM GMT