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अवैध निर्माण मामले में पूर्व नगरसेविका को कोर्ट ने ठहराया अपात्र

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महानगर की एक स्थानीय अदालत ने अवैध निर्माण को लेकर कड़ा रुख अपनाते हुए कांग्रेस की पूर्व नगरसेविका बिनीता वोरा को अपात्र ठहराया है। वोरा को उनके पति मेहुल की ओर से किए गए अवैध निर्माण के चलते कोर्ट ने अयोग्य ठहराया है। वोरा ने साल 2012 में कांग्रेस के टिकट पर नगरसेवक का चुनाव जीता था और उनका कार्यकाल 2017 तक था। 2017 में वोरा मनपा चुनाव हार गई थी।
मनपा प्रशासन से जुड़े लोगों की माने तो अदालत के इस फैसले के चलते वोरा को अब वे सारे भत्ते लौटाने होगे जो उन्होंने बतौर नगरसेवक हासिल किए थे। जस्टिस वीएम वैद्य ने अपने फैसले में साफ किया है कि वोरा के पति ने साल 2012 में अपने बगले में अवैध निर्माण किया था। यह निर्माण मुंबई म्युनिसिपल कार्पोरेशन एक्ट के प्रावधानों के खिलाफ पाया गया, लिहाजा वोरा को अपात्र ठहराया जाता है।
जस्टिस ने यह फैसला मुंबई मनपा आयुक्त की ओर से साल 2016 में दायर याचिका पर सुनवाई के बाद सुनाया है। फैसले में स्पष्ट किया गया है कि नगरसेवक के पति की ओर से किए गए अवैध निर्माण के आधार पर नगरसेवक को अपात्र ठहराया जा सकता है। नियमानुसार यदि नगरसेवक खुद या उसका पति अथवा नगरसेवक पर आश्रित लोग अवैध निर्माण करते हैं तो नगरसेवक अपात्र ठहराया जा सकता है। इसके अलावा यदि नगरसेवक अवैध निर्माण में सहयोग देता है तो भी उसे अयोग्य ठहराया जा सकता है।
महानगर के विलेपार्ले इलाके में रहनेवाली वोरा के खिलाफ 2012 में चुनाव हारनेवाली शिवसेना की उम्मीदवार ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि अवैध निर्माण को वैध करने के लिए मनपा प्रशासन के पास आवेदन किया गया है। पर मनपा ने आवेदन को खारिज कर दिया। इस बीच मेहुल ने कोर्ट को बताया कि उन्होंने अवैध निर्माण हटा लिया है, लेकिन हारी हुई उम्मदीवार के पति जितेंद्र जन्वले ने दावा किया कि अभी भी अवैध निर्माण मौजूद है। इसके बाद मामला लघुवाद कोर्ट में पहुंचा।
Created On :   1 Jun 2018 7:34 PM IST