बेटे की चाहत में 4 बेटियों की मां को जिंदा जलाने की कोशिश!

A man try to killed his wife for son in satna district MP
बेटे की चाहत में 4 बेटियों की मां को जिंदा जलाने की कोशिश!
बेटे की चाहत में 4 बेटियों की मां को जिंदा जलाने की कोशिश!

डिजिटल डेस्क सतना। एक के बाद एक क्रमश: 4 बेटियां जनने से नाराज पति,जेठ और जेठानी ने मिल कर 2 मार्च को 25 साल की ब्याहता रीना शुक्ला को जिंदा जला कर मार डालने की कोशिश की। आरोप हैं कि पति राजेन्द्र, जेठ वीरेन्द्र और जेठानी शशि कला उसे मरणासन्न हालत में आटो में लादकर जिला अस्पताल आए और हत्या की कोशिश को हादसे में बदलने की एक और साजिश भी की। कहते हैं, जानलेवा वारदात के पूरे 7 दिन बाद भी अगर मामला एसपी राजेश हिंगणकर के संज्ञान में नहीं आता तो शायद सिविल लाइन पुलिस भी होश में नहीं आती? एसपी की फटकार के बाद गुरुवार को एएसआई मोहिनी शर्मा पीडि़ता की कुशल क्षेम लेने जिला अस्पताल पहुंचीं। एक  हफ्ते से जिंदगी और मौत से जूझ रही रीना तकरीबन 90 फीसदी भस्म हो चुकी है। जैसे-तैसे अपने बयान कलमबंद कराते हुए पीडि़ता ने नायब तहसीलदार जयनंदन सिंह को बताया कि उसे इंसानियत के तीनों दुश्मन इससे पहले दहेज के लिए भी उसे तरह-तरह से यातनाएं दिया करते थे। ये दीगर बात है कि बावजूद इसके जांच की टांग फंसा कर बैठी सिविल लाइन पुलिस  नामजद आरोपियों के खिलाफ अभी तक एफआईआर  नहीं काट पाई है।
 पति ने पकड़ा जेठानी ने केरोसिन उड़ेला और जेठ ने लगाई आग
पीडि़ता रीना शुक्ला के मुताबिक 2 मार्च को वो खाम्हा खूझा स्थित ससुराल में बेटियोंं के लिए  दूध पका रही थी। इसी बीच पीछे से पहुंचे पति राजेन्द्र शुक्ला ने उसे पकड़ कर जकड़ लिया। जेठानी शशिकला ने गर्दन से नीचे तक केरोसिन उड़ेल दिया और जेठ वीरेन्द्र शुक्ला ने आग लगा दी। इस अप्रत्याशित वारदात में रीना बहोश हो गई। उसे जब होश आया तो वो जिला अस्पताल में थी। कहते हैं, तीनों आरोपी ही उसे आटो में लादकर अस्पताल लाए। वारदात के समय रीना की सास शिवकुमारी और ससुर अच्छेलाल खेत में थे।    
दहेज के लिए भी देते थे यातनाएं
सभापुर थाना क्षेत्र के पटना कला निवासी चिंतामणि गौतम की बेटी रीना शुक्ला की शादी वर्ष 2012 की 2 फरवरी को सिविल लाइन थाना क्षेत्र के खामा खूझा में अच्छेलाल के बेटे राजेन्द्र शुक्ला से हुई थी। पीडि़ता के आरोप के मुताबिक शुरुआती दिनों में पति,जेठ और जेठानी दहेज के लिए उसे तरह तरह से प्रताडि़त किया करते थे। कई बार ससुराल और मायके पक्ष के बीच पंचायत बैठी लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। आरोप है कि शिकायत महिला थाने पहुंची,मगर एफआईआर बिक गई। साफ है कि आरोपियों के हौसले और भी बुलंद हो गए। इसी बीच राजेन्द्र से रीना को क्रमश:4 बेटियां हुईं। बड़ी बेटी रिया साढ़े 4 साल,  रिचा साढ़े 3 साल , राखी ढाई साल और सबसे छोटी बेटी महज 6 माह की है। पहले से पीछे पड़े पति और जेठ-जेठानी की यातनाएं एक बेटे की चाहत में और भी बढ़ गईं।  उससे घर के 2 कमरे और आंगन भी छीन लिया गया। अंतत: 2 मार्च को ये नौबत आ गई।  पति,जेठ और जेठानी में से किसी ने भी रीना के पिता को खबर नहीं दी। कहीं से रीना की बड़ी बहन रिंकी शुक्ला को खबर मिली। वो सीधी के अमलिया गांव में व्याही है। रिंकी ने अपने पिता को जानकारी दी। वारदात के दिन ही शाम को जब पिता चिंतामणि जिला अस्पताल पहुंचे तो बेटी बेहोश थी।
आखिर 7 दिन कहां थी सिविल लाइन पुलिस
आरोप हैं कि सिविल लाइन पुलिस का आरोपियों को वरदहस्त था। लगभग 90 फीसदी जल चुकी रीना शुक्ला को 2 मार्च को दोपहर 2 बजे उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जिला अस्पताल प्रबंधन ने इसी दिन तहरीर अस्पताल चौकी को भेजी। सिविल लाइन पुलिस ने ये तहरीर रिसीव भी कि लेकिन  तहरीर में प्राप्तकर्ता के दस्तखत तो हैं मगर रिसीविंग की डेट नहीं है। आखिर क्यों?

Created On :   9 March 2018 2:28 PM IST

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