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20 साल बाद गीता पहुंची अपनों के पास, राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण का प्रयास

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण और पुलिस की सक्रियता के चलते 20 साल बाद गीता शांति अपने परिजनों से मिल सकी। 1998 में मानसिक रूप से कमजोर सिंगोड़ी के ग्राम नंदौरी की गीता अपने घर से अचानक गायब हो गई थी। वह भटकते हुए केरल के कोच्ची पहुंच गई थी। यहां उसे एक महिला आश्रम में सहारा मिला। आश्रम में उसका इलाज चला, जिसके बाद अब वह मानसिक रुप से स्वस्थ हुई।आश्रम में उसने सिलाई कढ़ाई भी सीख ली है। यहां मिले इलाज के बाद गीता की मानसिक स्थिति बेहतर हो गई है।
बीते अगस्त माह में केरल और मप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की आपसी चर्चा में स्पष्ट हुआ था कि छिंदवाड़ा के सिंगोड़ी की एक महिला कोच्ची के आश्रम में है। इसके बाद जिला एवं सत्र न्यायाधीश बी.एस.भदौरिया के निर्देश पर महिला की जानकारी एकत्र की गई। सिंगोड़ी चौकी प्रभारी जितेन्द्र यादव द्वारा गीता के परिजनों की तलाश शुरू की गई। एसआई जितेन्द्र यादव ने जांच रिपोर्ट तैयार कर मप्र.राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर भेजी, जो केरल राज्य प्राधिकरण को भेजी गई। परिवार के सदस्यों द्वारा गीता शांति को रखने की स्वैच्छिक सहमति दी गई थी। जिसके बाद गीता शांति अपने परिजनों से मिल सकी। शुक्रवार को गीता अपने भाई मेखलाल के साथ जिला कोर्ट पहुंची। यहां उन्होंने न्यायाधीश बीएस भदौरिया से मुलाकात की। इस अवसर पर प्राधिकरण के सचिव एवं अपर जिला जज विजय सिंह कावछा, जिला विधिक सहायता अधिकारी सोमनाथ राय उपस्थित रहे।
फर्राटे से बोलती है मलयालम
बीस सालों से कोच्ची के एक आश्रम में रह रही गीता केरल की भाषा मलयालम भी सीख गई है। अब वह मलयालम फर्राटे से बोलती है। आश्रम में उसने सिलाई कढ़ाई भी सीख ली है। यहां मिले इलाज के बाद गीता की मानसिक स्थिति बेहतर हो गई है। इस अवसर पर जिला विधिक सहायता अधिकारी सोमनाथ राय उपस्थित रहे।
Created On :   3 Nov 2018 1:28 PM IST