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रिश्वत लेने वाले पटवारी को 5 साल की कैद, सहयोगी को 4 साल की कैद

डिजिटल डेस्क, छतरपुर। किसान से उसकी जमीन की बंदी बनाने के एवज में पटवारी ने रिश्वत की मांगी थी। तहसील बड़ामलहरा के हल्का सूरजपुराकला में पदस्थ पटवारी और उसके साथी को लोकायुक्त पुलिस ने दो हजार रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथो पकड़ा था। विशेष जस्टिस आरके गुप्त की कोर्ट ने 20 सितंबर को फैसला सुनाते हुए आरोपी पटवारी को पांच साल की कठोर कैद के साथ 60 हजार रुपए जुर्माना और उसके साथी को चार साल की कठोर कैद के साथ 10 हजार रुपए के जुर्माना की सजा सुनाई है। कोर्ट ने दोनो आरोपियो को सजा के बाद जेल भेज दिया।
अभियोजन के अनुसार् बड़ामलहरा में रहने वाले फरियादी मस्तराम शुक्ला ने 17 सितंबर 2014 को लोकायुक्त पुलिस सागर को इस आशय की शिकायत की थी कि उसने अपने पिता और चाचा की जमीन के बटवारे का मामला तहसील बड़ामलहरा में पेश किया था। जिसमें नायब तहसीलदार की कोर्ट ने 31 जुलाई 2014 को आदेश किया था। फरियादी मस्तराम और उसके चाचा कमल कुमार की बंदी बनाने के एवज में पटवारी पियूष श्रीवास्तव उससे 4 हजार रुपए मांग रहा है। जबकि वह दो हजार रुपए पहले ही रिश्वत दे चुका है। अब पटवारी पियूष मस्तराम से एक हजार रुपए और कमल शुक्ला की बंदी बनाने के एवज में दो हजार रुपए रिश्वत मांग रहा है। लोकायुक्त विभाग ने निरीक्षक एचएल चैधरी को कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया। 18 सितंबर 2014 को लोकायुक्त पुलिस ने मस्तराम को वाईस रिकॉर्डर देकर पटवारी और मस्तराम की रिश्वत संबंधी बातो को रिकार्ड कराया।
पुलिस ने 23 सितबंर दो हजार रुपए में फिनाफ्थलीन पाउडर लगाकर मस्तराम को दिए और लोकायुक्त पुलिस के साथ दिन के 12.30 बजे तहसीलदार कार्यालय बड़ामलहरा से थोड़ी दूर पहुंचकर रुक गए। फरियादी मस्तराम अपने चाचा कमल के साथ पटवारी के शासकीय आवास पर पहुंचा और घर के अंदर गए। रिश्वत की राशि देने के बाद मस्तराम ने बाहर आकर पुलिस को इशारा किया। ट्रेप दल घर के अंदर पहुंचा जहां पटवारी पियूष और रामकुमार विश्वकर्मा निवासी खरदौती बैठे थे। पूंछतांछ पर पटवारी ने बताया कि उसके कहने पर रामकुमार ने रिश्वत की राशि दो हजार रुपए ली थी। पुलिस ने रिश्वत की राशि दो हजार रुपए जब्त की। पुलिस ने मौके पर कार्रवाई करके आरोपीगण के खिलाफ रिश्वत लेने का मामला दर्ज किया और कोर्ट में पेश किया।
जस्टिस आरके गुप्त की कोर्ट ने सुनाई सजा
विशेष जस्टिस आरके गुप्त की कोर्ट ने भ्रष्टाचारी पटवारी पीयूष श्रीवास्तव और उसके साथ रामकुमार विश्वकर्मा को दोषी करार दिया। कोर्ट ने पटवारी पियूष को भ्रष्टचार निवारण अधिनियम की धारा 13(1)(डी)/13(2) में पांच साल की कठोर कैद के साथ 50 हजार रुपए जुर्माना और धारा 7 में चार साल की कठोर कैद के साथ 10 हजार रुपए जुर्माना की सजा दी। तथा आरोपी रामकुमार को धारा 12 में चार साल की कठोर कैद के साथ 10 हजार रुपए के जुर्माना की सजा सुनाई है।
Created On :   20 Sept 2018 5:43 PM IST