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ओपीडी के सामने खुले गड्ढे में गिरने से मरीज की मौत

डिजिटल डेस्क, नागपुर। मेडिकल हास्पिटल में इलाज करने आए एक व्यक्ति की ओपीडी के सामने खुले गड्ढे में गिरने से मौत हो गई। मेडिकल प्रशासन की लापरवाही से मरीज राकेश भारत वीरा की ओपीडी के सामने छह माह से खुले पड़े गड्ढे में गिरने से जान चली गई। सड़क पर चलते समय ठोकर लगने से वह जमा पानी में गिर गया। सिर के बल गिरने से डूबने के कारण जगह पर ही उसने दम तोड़ दिया। वह पीलिया से पीड़ित था, जिसका इलाज करवाने मेडिकल आया हुआ था। यह एक तरह से गैर-इरादतन हत्या है, जिसके लिए मेडिकल प्रशासन पूरी तरह से जिम्मेदार हैं, क्योंकि यह गड्ढा छह माह से खुला पड़ा था। हर दिन यहां सैकड़ों मरीज गुजरते हैं, मगर मेडिकल प्रशासन इसको देखकर भी अनदेखी करता रहा। यहां तक कि 18 जनवरी को भास्कर संवाददाता ने डीन और पीआरओ को इस समस्या से अवगत करवाया था और इससे किसी बड़े हादसे की आशंका भी जताई थी। वहीं 19 जनवरी को इसकी खबर भी प्रकाशित की थी। इसके बाद भी सभी जिम्मेदार किसी बड़ी घटना होने का इंतजार करते रहे।
दैनिक भास्कर ने दिलाया था ध्यान :
ओपीडी के सामने यह जानलेवा गड्ढा खुला पड़ा है, जो हादसों को आमंत्रण दे रहा है। इसकी जानकारी डीन और मेडिकल के पीआरओ को दैनिक भास्कर ने 18 जनवरी को दी और 19 जनवरी को इस संबंध में खबर भी प्रकाशित की । इसके बाद भी उन्होंने इसे गंभीरता से नहीं लिया और किसी बड़े हादसे का इंतजार करते रहे। मौत के लिए वे सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं।
पीलिया का चल रहा था इलाज :
बचपन में ही माता-पिता की मौत हो जाने से राकेश भारत वीरा अनाथ हो गया था। उसे रिश्तेदारों ने सहारा दिया। कुछ दिन अपने दादा-दादी के पास यवतमाल जिले के वणी शहर में रहा। वहां से नागपुर आने पर पहले अपने मामा रामगोपाल सक्सेना के पास रहा। मामा द्वारा डांट-फटकार करने पर उनके पास से चला गया। इमामवाड़ा में सुंदरलाल वाचनालय के पास उसकी बुआ रहती है, उनके पास वह रहने चला गया। कुछ दिन पहले उसे पीलिया हो गया। शरीर काफी कमजोर हो गया था। सही ढंग से चल नहीं पाता था। मंगलवार को इलाज के लिए शासकीय मेडिकल अस्पताल गया था। उपचार से पहले ही बाह्यरुग्ण विभाग के सामने ठोकर लगने से वहां जमा पानी में वह गिर गया और दम तोड़ दिया।
शवविच्छेदन गृह में दिखाया शव :
राकेश के मौत की खबर पता चलने पर उसके रिश्तेदार मेडिकल पहुंचे। उनके पहुंचने से पहले ही शव को घटनास्थल से उठाकर शवविच्छेदन गृह ले जाया गया था। उन्हें वहीं शव दिखाया गया।
रिश्तेदारों ने किया हंगामा :
राकेश की मौत के लिए रिश्तेदारों ने मेडिकल प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया। मेडिकल प्रशासन जिम्मेदारी लेने से इनकार करता रहा। बौखलाए रिश्तेदारों के हंगामा करने से कुछ देर के लिए तनाव बना रहा। उन्हाेंने शव लेने से मना किया तो मेडिकल प्रशासन की माथे पर बल पड़ गए। पुलिस बंदोबस्त लगाकर तनाव शांत किया गया। समझा-बुझाकर शव रिश्तेदारों के हवाले किया गया।
डीन जवाब नहीं दे पाए:
गड्ढे में हुई मौत की इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार डीन डॉ. अभिमन्यु निसवाड़े की अनदेखी पर जब भास्कर ने सवाल किए तो वे कोई जवाब नहीं दे पाए। यही हाल पीआरओ के भी थे।
गड्ढ़े के सामने से रोजाना गुजरते हैं जिम्मेदार, मगर सबने अनदेखी की :
इस ओपीडी के सामने हर दिन मेडिकल प्रशासन के जिम्मेदार अफसर गुजरते हैं, मगर सभी ने इसकी अनदेखी की। यहां सैकड़ों मरीज रोजाना आते हैं। 18 जनवरी को भास्कर संवाददाता ने इस समस्या को डीन डॉ. अभिमन्यु निसवाड़े और पीआरओ गिरीश भुयार को अगवत करवाया। डीन को इस समस्या को हल करने के लिए कई बार फोन भी लगाए, मगर उन्होंने इस पर ध्यान नहीं दिया। वहीं, पीआरओ किसी लिखित शिकायत के पहुंचने पर समाधान की बात करते रहे। दोनों इस मौत के लिए पूरी तरह जिम्मेदार हैं। उनकी अनदेखी इस मौत की वजह बनी।
Created On :   30 Jan 2019 12:11 PM IST