अनूठी पहल: अस्थियों को गड्‌ढों में विसर्जित कर लगा रहे पीपल

A resolution to give a new direction to society is inspiring people today
अनूठी पहल: अस्थियों को गड्‌ढों में विसर्जित कर लगा रहे पीपल
अनूठी पहल: अस्थियों को गड्‌ढों में विसर्जित कर लगा रहे पीपल

डिजिटल डेस्क, हिंगना (नागपुर)। समाज को नई दिशा देने के लिए किया गया एक संकल्प आज लोगों को प्रेरित कर रहा है। अंतिम संस्कार के बाद नदियों में अस्थि विसर्जन करने के बजाय एक गड्ढे में उन अस्थियों का विसर्जन कर वहां पीपल लगाने की संकल्पना बोधि मग्गो महाविहार भीमनगर इसासनी के संस्थापक भदंत बोधि विनीत महस्थवीर ने 2016 में की थी। उन्होंने मृत्युपरांत डिगडोह स्थित लता मंगेशकर अस्पताल को आंखें और त्वचा दान का निर्णय लिया था। 24 मई 2017 को उनकी मृत्यु के बाद अस्पताल को त्वचा व आंखें दान कर दी गई थीं। अंतिम संस्कार के बाद उनकी अस्थियां पानी में विसर्जन करने के बजाय उनकी इच्छा के अनुसार 10 एकड़ में फैले भीमनगर स्थित बाेधि मग्गो महाविहार परिसर में गड्ढा कर विसर्जित की गई। इसके बाद वहां पीपल का पौधा लगाया गया। 

सार्वजनिक पुस्तकालय भी है 
यहां पर क्षेत्र के विद्यार्थियों के लिए संतोष रायबोले की ओर से प्रतियोगी परीक्षाओं की किताबों के साथ विद्या प्रबोधिनी सार्वजनिक पुस्तकालय भी है। 

समाज हित में है यह उपक्रम
यह उपक्रम समाज हित में चलाया जा रहा है। लोगों का पूरा सहयोग भी मिल रहा है। यह कार्य संयुक्त बौद्ध विहार समिति की ओर से निरंतर चलता रहेगा।
महेश वासनिक, संचालक, संयुक्त बौद्ध, विहार समिति, हिंगना तहसील

5 लोगों की अस्थियों का हो चुका है इस प्रकार वसर्जन
भीमनगर इसासनी स्थित बोधि मग्गो महाविहार परिसर में मई 2017 से लेकर अब तक 5 लोगांे के अस्थियों का गड्ढे में विसर्जित कर वहां पीपल का पेड़ लगाया गया है। भंदत बोधिविनीत महस्थवीर की पहल के बाद आयसी चौक निवासी अन्नाजी वानखेड़े (65), पंढरीनाथ समुदरे (78) हिंगना नाका निवासी ताराचंद आवले (65) डिगडोह निवासी तथा अन्य एक व्यक्ति की अस्थियां गड्ढे में िवसर्जित कर वहां पीपल लगाया गया। साथ ही इस पौधे का जतन करने का संकल्प भी लिया गया।

चलता है धर्मार्थ अस्पताल भी
बोधि मग्गो महाविहार भीमनगर इसासनी का परिसर करीब 10 एकड़ का है। इसके परिसर में क्षेत्र के गरीब लोगों को मुफ्त में इलाज करने के उद्देश्य से उज्ज्वल सामाजिक बहुउद्देशीय संस्था द्वारा धर्मार्थ अस्पताल चलाया जा रहा है। डॉ. शीतल उमरे ने जनहित में यह अभियान शुरू किया है।

शोकसभा में विचार
पर्यावरण को बचाने तथा समाज को नई दिशा देने के लिए सामाजिक कार्यकर्ता अंतिम संस्कार में जाकर शोक सभा में यह विचार रखते हैं। अस्थियों को गड्ढे में डालकर वहां पीपल लगाने की बात कहते हैं। इस भावना को लोगों तक पहुंचाने का काम डिगडोह निवासी प्रा. सुशील मेश्राम, म्हाडा कालोनी निवासी महेश वासनिक, लोकमान्यनगर, निवासी प्रेम रूपनारायण सहित उनके सहयोगी कर रहे हैं।
 

Created On :   27 Nov 2018 10:49 AM IST

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