करंट लगाकर टाइगर का शिकार करने वाला आरोपी गिरफ्तार

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करंट लगाकर टाइगर का शिकार करने वाला आरोपी गिरफ्तार

डिजिटल डेस्क, कटनी । नेशनल पार्क बांधवगढ़ के बफर जोन में एक सप्ताह पहले हुए टाइगर के शिकार मामले में एसटीएफ सतना की टीम ने कटनी जिले के  उमरियापान के समीप ढुडऱी गांव में छिपे एक आरोपी सन्नी माझी पिता राम सरोबर माझी को गिरफ्तार किया है। इस मामले में एसटीएफ ने दो दिन पहले सतना जिले के जैतवारा से एक अन्य आरोपी सुनील बसदेवा को गिरफ्तार किया था। एसटीएफ प्रभारी श्रद्धा पेन्द्रो ने बताया कि 9 जुलाई को नेशनल पार्क बांधवगढ़ के बफर जोन महरोई में एक नर बाघ की लाश मिली थी। पोस्टमार्टम में करंट से मौत होने की पुष्टि होने पर आरोपियों की तलाश का काम वन्यप्राणी सरंक्षण के लिए गठित स्पेशल टास्कफोर्स सतना को सौंपा गया। पूछताछ में पता चला कि जंगली सुअर का शिकार करने ग्रामीणों ने करंट फैलाया था। जंगली सुअर तो फंसा नहीं एक नर बाघ की करंट की चपेट में आने से मौत हो गई।

दो गिरफ्तार दो की तलाश
एसटीएफ प्रभारी श्रद्धा पेंद्रो के अनुसार बाघ के शिकार मामले में चार आरोपी होने का पता चला है जिसमें दो आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। दो दिन पहले जैतवारा सतना में पकड़े गए आरोपी सुनील बसदेवा में तीन अन्य साथियों के नाम बताए थे, जिसमें एक सन्नी मांझी भी था। सन्नी मांझी ढुडऱी में अपनी बहिन के यहां छिपा था। वन विभाग कटनी की टीम के सहयोग से मुखबिर की सूचना पर दबिश देकर आरोपी को गिरफ्तार किया गया। आरोपी की गिरफ्तारी में संजय सिंह, राजकिशोर, पुष्पेन्द्र मिश्रा, विनोद पयासी, संतकुमार पटेल, राजू विश्वकर्मा का सहयोग रहा। बताया गया है कि एसटीएफ सतना की टीम ने वन विभाग के कर्मचारियों के सहयोग से शुक्रवार तड़के ढुडऱी में छापा मार कर आरोपी को पकड़ा।

छह दिन पहले मिला था शव
बांधवगढ़ नेशनल पार्क के बफर जोन के महरोई में 9 दिसम्बर को बाघ का शव मिला था। मृत बाघ 7-8 वर्ष का नर बताया गया था। हालांकि शव व पीएम रिपोर्ट के बाद भी पार्क प्रबंधन की टीम द्वारा बाघ की पहचान नहीं की जा सकी है। संभावना जताई जा रही है कि यह टाईगर बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व या फिर कटनी सामान्य वन मण्डल का भी हो सकता है लेकिन जिस तरह शिकार हुआ और फिर आरोपी आसानी से बाघ को छिपाकर भाग निकले उससे सुरक्षा एवं मानीटरिंग को लेकर अनेक सवाल उठ रहे हैं। ज्ञात हो कि मृत बाघ का शव सडऩे लगा था और सड़ांध मारने के बाद बदबू आने पर ग्रामीणों ने पार्क प्रबंधन को सूचना दी थी। इस बारे में पार्क प्रबंधन का कहना है मृत बाघ का शव राजस्व सीमा महरोई में आता है, जिन कारणों से मृत बाघ की लोकेशन में समय लग गया।

 

Created On :   15 Dec 2018 7:55 AM GMT

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