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पति से अलग रहने वाली महिला ने घरेलू हिंसा का लगाया आरोप, कोर्ट ने लगाई फटकार
डिजिटल डेस्क, नागपुर। घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम के तहत दिए गए अधिकारों का दुरुपयोग करने वाली चंद्रपुर निवासी एक महिला और उसके पति को बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने जमकर फटकार लगाई है। इतना ही नहीं, महिला की मनगढ़ंत शिकायत के आधार पर प्रतिवादी ननदों और उनके पतियों के खिलाफ घरेलू हिंसा का मुकदमा चलाने वाले न्यायदंडाधिकारी की कार्यशैली पर भी कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की है। इस मामले में हाईकोर्ट ने यह भी माना कि जब पीड़िता और आरोपी एक साथ रहते ही नहीं थे, तो महिला के खिलाफ घरेलू हिंसा भी संभव नहीं है। हाईकोर्ट ने मामले में सभी पक्षों को सुनकर चंद्रपुर व नांदेड़ निवासी दंपति के खिलाफ निचली अदालत में जारी मुकदमा भी खारिज कर दिया है।
यह है मामला
फैजल और शबनम (परिवर्तित नाम) चंद्रपुर निवासी हैं। वर्ष 2016 में शबनम ने अपनी दोनों ननदों और उनके पतियों के खिलाफ घरेलू हिंसा के आरोप लगाकर निचली अदालत में मुकदमा दायर किया। यह मुकदमा खारिज करने के लिए प्रतिवादियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। इस मामले में हाईकोर्ट में यह निकलकर आया कि दोनों पक्ष आपस में एक साथ नहीं रहते। ऐसे में जब दोनों पक्षों में घरेलू संबंध ही नहीं है, तो घरेलू हिंसा भी नहीं हो सकती। अधिनियम के तहत शबनम को "पीड़िता" माना ही नहीं जा सकता।
संपत्ति को लेकर विवाद
हाईकोर्ट में यह भी निकल कर आया कि दोनों पक्षों में संपत्ति को लेकर विवाद था। फैजल व उसके जीजा की पार्टनरशिप फर्म थी। इससे फैजल अलग होने का प्रयास कर रहा था। अपनी याचिका में शबनम ने निचली अदालत से प्रार्थना की थी कि प्रतिवादियों के बैंक अकाउंट फ्रीज कर दिए जाएं और उन्हें संपत्ति अपने नाम करने से भी प्रतिबंधित किया जाए। फरियादी महिला की संदिग्ध शिकायत को देखते हुए हाईकोर्ट ने यह फैसला सुनाया है।
Created On :   23 March 2021 6:13 AM GMT