ई टेंडर घोटाला: आम आदमी पार्टी ने दस्तावेजों से बताया कि कैसे हुआ घोटाला

AAP reveals how e-tender scandal happened in Madhya Pradesh
ई टेंडर घोटाला: आम आदमी पार्टी ने दस्तावेजों से बताया कि कैसे हुआ घोटाला
ई टेंडर घोटाला: आम आदमी पार्टी ने दस्तावेजों से बताया कि कैसे हुआ घोटाला

डिजिटल डेस्क, भोपाल। आम आदमी पार्टी मध्य प्रदेश में हुए हजारों करोड़ के ई टेंडर घोटाले को लेकर दस्तावेज प्रस्तुत किए हैं। इन दस्तावेजों से पता चलता है कि तीन कंपनियों को 2322 करोड़ के टेंडर फर्जी तरीके से दिये गये। आम आदमी पार्टी के प्रदेश संयोजक आलोक अग्रवाल ने शुक्रवार को सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जब शासन के एक प्रमुख सचिव और मुख्य सचिव ने घोटाले की जांच का आदेश 3 महीने पहले कर दिया तो क्या कारण है कि आज तक किसी पर कोई करवाई नहीं हुई और साफ़ है कि प्रदेश सरकार इन घोटाला कर रही कंपनियों को बचा रही है।

कैसे हुआ यह घोटाला?
मध्य प्रदेश में इ टेंडरिंग के लिए अन्तारेस सिस्टम लिमिटेड (Antares Systems Ltd.) ने सॉफ्टवेर दिया था। इसमें यह सुरक्षा रखी गयी थी की टेंडर भरने के बाद और उसके खुलने के पहले कोई छेड़ छाड़ होती है तो एरर (error) का सन्देश आ जायेगा कि इस टेंडर को बदल दिया गया है। प्राप्त दस्तावेज अन्तारेस की जांच रिपोर्ट 11 अप्रैल, 17 अप्रैल और 5 मई मे साफ कहा गया है कि मध्य प्रदेश जल निगम के तीन टेंडर में टेंडर भरने के बाद तीन कंपनियों ने अधिकारियों की मिलीभगत से अपनी राशि बदलकर सबसे कम करवा दी। इनमे प्रवीण कुमार गुरु, महाप्रबंधक, मप्र जल निगम और  केशव राव उइके, जिला व्यवसाय व उद्योग केंद्र सोनी की आईडी का इस्तेमाल कर टेंडर राशि में बदलाव कर यह घोटाला किया गया। चौकाने वाली बात यह है कि इस बदलाव के बाद टेंडर खुलने पर एरर सन्देश आया भी लेकिन उसपर ध्यान नहीं दिया गया।

इन तीन टेंडर में घोटाला हुआ:
MPJNM/Tender no. 91: राशि 1383.64 करोड़
MPJNM/Tender no. 93: राशि 656.48 करोड़
MPJNM/Tender no. 94: राशि 282.33 करोड़

इस घोटाले से तीन कंपनियों GVPR इंजीनियर्स लिम्टेड, इंडियन ह्यूम पाइप कंपनी लिमिटेड और JMC प्रोजेक्ट्स को फायदा पहुंचाया गया।

आदेश के बावजूद कार्रवाई नहीं
अन्तारेस कंपनी की रिपोर्ट पर गंभीर करवाई करते हुए 8 मई 2018 को प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी ने मुख्य सचिव को रिपोर्ट प्रस्तुत कर तत्काल जाँच करने का आग्रह किया। इसके बाद 11 मई 2018 को मुख्य सचिव ने ई ओ डब्लू (EOW) को अपराध की जाँच और केस दर्ज करने का आदेश दिया। लेकिन आश्चर्य है कि न तो आज तक कोई जांच शुरू हुई है, न कोई केस दर्ज हुआ है परन्तु मनीष रस्तोगी जिन्होंने घोटाला उजाकर किया था उन्हें उनके विभाग से जून में हटा दिया गया है।

घोटाले बाजों को बचा रही है सरकार
आप के प्रदेश अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि साफ़ कि ईमानदार अधिकारी को हटाया जाना और ई ओ डब्लू द्वारा कोई करवाई न करना सिद्ध करता है कि सरकार इस हजारों करोड़ के घोटाले के अपराधियों को बचा रही है। आप ने मांग करते हुए कहा कि हाईकोर्ट की निगरानी में विशेष जांच सामिति बनाकर कर इसकी जांच की जानी चाहिए और इस हजारों करोड़ के घोटाले के पीछे के दोषियों को बेनकाब किया जाना चाहिए।
 

Created On :   28 Sep 2018 8:07 PM GMT

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