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टूटी "आपली बस" की हड़ताल, 18 कर्मचारी बर्खास्त

डिजिटल डेस्क,नागपुर। ‘आपली बस’ की हड़ताल पर मेस्मा लगने के बाद टूट गई लेकिन कर्मचारियों द्वारा अड़े रहने की वजह है कि परिवहन विभाग को सुबह 50 निजी ड्राइवरों को लेकर बसें चलानी पड़ी। परिवहन विभाग ने दोपहर बाद करीब 145 बसें चलाने की बात कही। इस बीच, बसों की हड़ताल के कारण सारे दिन यात्री परेशान होते रहे। 12वीं की परीक्षा को ध्यान में रखकर कॉलेजों के रास्तों पर 50 बसों ने परीक्षार्थियों को नि:शुल्क परीक्षा केन्द्रों पर छोड़ा। इसमें बर्डी-हिंगना मार्ग पर जा रही बस को रोककर चालक को जान से मारने की धमकी दी और पत्थर फेंके। एमएडीसी थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है।
मेस्मा लगने के बााद भी नहीं लौटे थे कर्मचारी
मनपा परिवहन विभाग के सभापति बंटी कुकड़े ने बताया कि मेस्मा लगाने के बाद भी कर्मचारी काम पर नहीं लौटे, पुलिस ने भी मदद नहीं की। इस वजह से सुबह 12वीं के परीक्षार्थियों को परीक्षा सेंटर तक छोड़ने के लिए 50 निजी ड्राइवरों द्वारा हिंगना, बर्डी, कलमेश्वर, पार्डी सहित अन्य कॉलेजों के रास्तों पर बसें चलाईं गई। इसी बीच हिंगना-बर्डी की बस क्रमांक 6055 पर पत्थर फेंके गए और चालक को जान से मारने की धमकी दी। मामला एमएडीसी थाने में दर्ज करवा िदया गया है। परेशानी इसलिए हुई कि मेस्मा लगने के 18 घंटे बाद भी कर्मचारी काम पर नहीं आए और पुलिस ने सहयोग नहीं किया। 3 बजे पुलिस ने एक्शन लिया, जिसके बाद 400 कर्मचारियों ने ज्वाइन किया हालांकि उस समय यात्री लौट चुके थे। हड़ताल के पीछे शिवसेना के तथाकथित नेता बंडू तलवेकर हैं। नगरसेवक नहीं होते हुए भी अपनी गाड़ी पर नगरसेवक लिखे हुए हैं। ऐसा चौथी बार हो रहा है। हड़ताल में 18 कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया है, इसमें कर्मचारी संगठन के सचिव अंबादास शेंडे भी शामिल हैं।
वसूली की जाएगी घाटे की राशि
परिवहन व्यवस्थापक शिवाजी जगताप ने बताया कि शहर में चल रही 375 बसों से हर दिन करीब 1.60 लाख यात्री सफर करते हैं और हमें उससे करीब 17.50 लाख रुपए की आय होती है। हड़ताल के कारण बस ऑपरेटर सहित अन्य एजेंसियों से रुपयों की वसूली की जाएगी। बुधवार को विद्यार्थियों के लिए नि:शुल्क चलाई गईं बसों पर करीब 1.25 लाख रुपए खर्च हुआ।
न्यायालय में जाएंगे
कामगार सेना सचिव अंबादास शेंडे, बंडू तलवेकर ने पत्रकारों को बताया कि हम कांट्रेक्ट वाले कर्मचारी हैं, हम पर मेस्मा नहीं लगाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने लोकतंत्र की हत्या की है। हम अपने विषय को लेकर न्यायालय में जाएंगे। हमारी सामान्य सी मांग है कि न्यूनतम वेतन दिया जाए। पहले हमें जिस परिपत्रक के अनुसार वेतन देने की बात कही जा रही थी, उसके अनुसार नहीं दिया जा रहा है। हमने अपनी हड़ताल वापस ले ली।
उठ रहे कई तरह के सवाल
मनपा के साथ-साथ राज्य में भी भाजपा की सत्ता है। राज्य में भाजपा के साथ शिवसेना का गठबंधन है और उद्योग मंत्रालय शिवसेना के पास है। जिसके द्वारा न्यूनतम वेतन का परिपत्रक निकाला जाएगा। मजे की बात यह है कि भाजपा की सत्ता वाली मनपा में कर्मचारियों का आंदोलन शिवसेना पार्टी के लोग कर रहे हैं। संतरानगरी की आपली बस की हड़ताल से बड़ा सवाल निकला है कि गठबंधन की सरकार के उद्योग विभाग का मंत्री होने पर हंगामा क्यों?

Created On :   22 Feb 2018 11:00 AM IST